में जॉब पाने का आसान तरीका, फॉलों करें ये स्टेप

 गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है और इसका इस्तेमाल करोड़ों लोग करते हैं। हमें जो भी जानकारी चाहिए होती है तो हम झट से गूगल कर लेते हैं। क्या आप गूगल में जॉब करना चाहते है? या फिर क्या आप दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी में काम करना चाहते है तो आप बिलकुल सही पोस्ट पढ़ रहे है। गूगल में जॉब करना लगभग हर व्यक्ति का सपना होता है क्योंकि गूगल में काम करने वाले लोगो की ज्यादा सैलरी मिलने के साथ साथ तमाम प्रकार की मुफ्त सुविधा मिलती है जो सामान्यतः अन्य कंपनी नहीं देती है। दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल में नौकरी पाने का सपना ज्यादातर लोग देखते हैं। लेकिन ये सपना बहुत कम लोगों का ही पूरा हो पाता है। हालांकि उन्हें इसका सही तरीका नहीं पता होता है। हम यहां बताने वाले हैं कि आप गूगल में किस तरह जॉब प्राप्त कर सकते हैं।

किसे नौकरी देता है गूगल

गूगल जॉब करने का सपना ज्यादातर युवाओं का होता है,लेकिन इसे पूरा वही कर पाते हैं, जो गूगल के क्राइटेरिया को फुल-फिल कर पाते हैं। गूगल में जॉब पाने के लिए कुछ बेसिक चीजें अनिवार्य हैं।

  • आपके पास कंप्यूटर से संबधित नॉलेज होनी चाहिए।
  • बिना अंग्रेजी के गूगल में जॉब पाना मुश्किल टास्क है।
  • जिस पोस्ट के लिए आवेदन दे रहे हैं उसके अनुसार आपकी क्वालिफिकेशन होना बहुत जरूरी है।
  • गूगल में जॉब लेने वाले आवेदक की तार्किक क्षमता का भी परिक्षण किया जाता है।
  • जो लोग इन चीजों को पूरा करते हैं और इंटरव्यू में अच्छा परफॉर्म करते हैं, उन्हें जॉब मिलने के ज्यादा चांस रहते हैं।
  • मुश्किल है हायरिंग प्रोसेस
  • गूगल में एक बार जब आप आवेदन कर देते हैं, तो कई चरणों में आपका परिक्षण किया जाता है और इसके बाद जाकर आप फाइनल राउंड के लिए तैयार होते हैं। इसमें कुछ प्रोसेस होते हैं, जिन्हें नीचे बताया गया है। ये खुद गूगल की ही साइट पर बताए गए हैं।

असेसमेंट: गूगल के द्वारा बेसिकली यह पहला स्टेप होता है। जिसमें कंडीडेट से आसान से सवाल पूछे जाते हैं। रिज्यूम सबमिट करने के बाद की इस प्रक्रिया में बहुत से बाहर हो जाते हैं।

शॉर्ट वर्चुअल चैट्स: असेसमेंट के बाद शॉर्ट वर्चुअल चैट्स की बारी आती है इसमें आवेदक से छोटे-छोटे सवाल पूछे जाते हैं। यह वीडियो कॉल या चैट के दौरान होता है।

प्रोजेक्ट वर्क: इसमें आवेदक को एक प्रोजेक्ट वर्क दिया जाता है, जिसका मकसद नॉलेज को चैक करना होता है। अगर प्रोजेक्ट वर्क में अच्छा काम किया जाता है तो चयन होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

इंटरव्यू: तीन स्टेप के बाद अब बारी इंटरव्यू की आती है। गूगल के मुताबिक इसमें आवेदक से उसकी जॉब पोस्ट से संबधित सवाल पूछे जाते हैं। इसमें कई तर्क संगत प्रश्न पूछे जाते हैं।

डिसीजन और ऑफर

इन सारे राउड्स के बाद गूगल मैनेजमेंट डिसीजन लेते है और जो लोग क्राइटेरिया को अच्छे से फुल-फिल करते हैं उन्हें जॉब ऑफर कर दी जाती है।

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