लापरवाही की इंतेहा! खुले आसमान के नीचे पड़ा हजारों क्विंटल धान, जिला प्रशासन और खाद्य विभाग बेखबर

राष्ट्र चंडिका न्यूज़ सिवनी, सेवा सहकारी समिति एवं मार्केटिंग सोसायटियों के माध्यम से गत दिवस से शासन के निर्देश पर समर्थन मूल्य में धान खरीदी की जा रही है परन्तु परिवहन नही होने के कारण किसानों एवं समितियों को धान खरीदी करने में परेशानी हो रही है। लगातार अधिकारियों के निर्देशों के बाद भी धान खरीदी के काम में जुटे अधिकारी उठाव की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं यही कारण है कि जिले के अंदर हजारों क्विंटल धान खुले में पड़ी हुई है। समितियों से धान का उठाव नहीं हो पा रहा है और किसान परेशान हैं कि आखिर वे क्या करें कि जिससे उनकी फसल को समय पर बिकने के बाद पैसा भी मिल जाए।सेवा सहकारी समितियों में खरीदी गई हजारों क्विंटल धान जो खुले आसमान के नीचे रखा हुआ है वह गीली हो सकती है जिससे किसानों के साथ ही समिति को भी काफी नुकसान हो सकता है क्योंकि खरीदी गई धान का जब तक परिवहन नही हो जाता है उसकी जवाबदारी समिति प्रबंधकों की है क्योंकि परिवहन होगा तभी किसानों के खातों में भुगतान होगा और अगर धान गीली हो गई तो जो नुकसान होगा उसकी भरपाई समिति को करनी पड़ेगी जिससे समिति प्रबंधक भी खासा परेशान नजर आ रहे है इसलिए शासन-प्रशासन से खरीदी गई धान का जल्द परिवहन करवाने की मांग कर रहे है।

सिवनी जिले के 99 धान उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन जारी है। परिवहन का कार्य धीमा होने के कारण उपार्जित हजारों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे रखा हुआ है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में वर्षा होने की संभावना जताई है। ऐसे में खुले में रखा धान भीग सकता है, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ सकती है। जिले में अब तक 17 हजार से अधिक किसानों से 1.16 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। धान बेचने वाले किसानों को 160 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। उपार्जित धान में से करीब 90 हजार मीट्रिक टन धान का परिवहन हुआ है। वहीं 25 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान खुले में रखा हुआ है, ऐसे में वर्षा होने पर धान को नुकसान पहुंच सकता है। जिन किसानों का धान केंद्र में बिकने से रह गया है, ऐसे किसानों को वर्षा होने पर खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जिला प्रशासन और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों ने केंद्रों के प्रबंधकों को त्रिपाल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है, लेकिन ज्यादातर केंद्रों में वर्षा से धान को बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं नजर नहीं आ रही हैं। वहीं जिले के कई केंद्रों पर बारदानों का आकार छोटा है, तो कहीं बारदाने फटे निकल रहे हैं। छोटे बारदानों में पूरी धान कार नहीं भर पा रहा है और इससे सिलाई भी नहीं हो पाती है। नए बारदानों में 40 किलो धान भी नहीं आ पा रहा है। बमुश्किल 38 से 39 किलो धान की भराई ही हो पा रही है। जिसके कारण बोरियां खाली करनी पड़ रही है और इससे धान खरीदी प्रभारी को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिले में धान की आवक भी बड़े स्तर पर होने के साथ खरीदी भी हो रही है। वहीं इसके परिवहन की रफ्तार में गति नहीं आने से उपार्जन केंद्रों में धान का अंबार लग चुका है। इसके कारण खरीदी केंद्र में अव्यवस्थाएं होने से किसानों को जूझना पड़ रहा है। अधिकतर केंद्रों में जगह के अभाव के कारण भी किसानों को जगह खाली न होने से धान गिराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में विख्यात हिंडोलिया, डीएमओ, नागरिक आपूर्ति निगम का कहना है कि बेमौसम वर्षा से धान को सुरक्षित रखने के निर्देश सभी केंद्रों में दिए गए है। साथ ही धान को स्ट्रोक कर रखने के लिए भी कहा गया है। कई जगह छोटे बारदाने पहुंचने की जानकारी मिली थी। इन बारियों में धान को साफ कर भरने पर पूरा धान आ रहा है। केंद्रों में किसानों से अधिकतम 40 किलो 600 ग्राम धान प्रति बोरी लिया जाना है। इससे ज्यादा धान लेने पर किसान शिकायत कर सकते है। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
मौसम परिवर्तन हो चुका है इसलिए खरीदी केन्द्र परिसर में डम्प धान को बारिश होने पर उसे बचाने के लिए तिरपाल ढककर बचाने का प्रयास कर रहे है परन्तु हजारों क्विंटल धान है अगर तेज बारिश होती है तो गीली हो सकती है इसलिए शासन-प्रशासन से मांग है कि तीव्र गति से परिवहन करवाये ताकि किसानों को उपज विक्रय करने एवं समिति को खरीदी करने में परेशानियों का सामना न करना पड़े। साथ ही यह भी बताया कि धान का परिवहन होने के बाद ही किसानों के खातों में पैमेेंट आयेगा परन्तु परिवहन नही होने से भुगतान भी नही हो रहा है जिससे किसान भी परेशान है।
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