तेहरान। ईरान में रिवोल्यूशनरी गार्ड के दिवंगत कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हुए दो विस्फोटों में मरने वालों की संख्या 103 पहुंच गई है। इस बीच ईरान ने बदल लेने की धमकी दी है। साल 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में कासिम सुलेमानी की मौत हुई थी।
अब तक किसी संगठन ने विस्फोटों की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने विस्फोट के लिए आतंकवादियों को दोषी ठहराया है। इस बीच, अमेरिका में बिडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये विस्फोट इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों की साजिश हो सकते हैं।
विस्फोट ईरान के दक्षिणी-पूर्व शहर केरमन में हुए, जहां सुलेमानी को दफनाया गया था।
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने तेहरान में भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, जायोनी शासन को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। मैं जायोनी शासन को चेतावनी देता हूं, इसमें संदेह मत करो, तुम्हें इस अपराध की कीमत चुकानी पड़ेगी। ये अपराध जो तुमने किए हैं, बहुत पछतावा होगा।’
रिमोट से किया गया था हमला
हमले की युद्ध स्तर पर जांच जारी है। अधिकारियों ने बताया कि केरमन के बलिदानी स्मारक की ओर जाने वाले रास्ते पर दो एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाए गए थे। भीड़ के वहां से गुजरने के दौरान दूर से रिमोट के द्वारा इनमें विस्फोट किया गया। दोनों विस्फोट दस मिनट के अंतर से हुए।
ईरान बम ब्लास्ट का वीडियो आया सामने
बम ब्लास्ट के वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में मृतक और घायल जमीन पर पड़े दिखाई दे रहे हैं। घायलों को नजदीक के अस्पतालों में पहुंचाया गया है। रूस और तुर्की सहित कई देशों ने हमले की निंदा की।
क्या ईरान और अमेरिका के बीच और बढ़ेगा तनाव
यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब गाजा पट्टी मामले में ईरान, अमेरिका और इजरायल के बीच तनातनी जारी है। ईरान लगातार अमेरिका और इजरायल को चेतावनी दे रहा है।
आशंका जताई गई है कि यदि ऐसे किसी घटनाक्रम के बाद ईरान भी जंग में कूदता है तो दुनिया पर बड़ा संकट मंडराने लगेगा।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.