सिवनी जिले में तथाकथित पत्रकारों का धान खरीद केंद्र में चालू हो गए..

प्रातः से ही अपने शिकार के लिये निकल पड़ते दूरस्थ गांवों में
 -हर रोज तथाकथित पत्रकारों का उदय हो रहा हैं-
-कथित पत्रकारों के पास न तो कोई समाचार पत्र होता है और न ही वह पत्रकार होते हैं-
“जहां पहुंच नहीं पा रहे संबंधित अधिकारी वहां के धान खरीदि केंद्र पहुंच जा रहे सिवनी के तथाकथित पत्रकार”
राष्ट्र चंडिका सिवनी। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया इन दिनों जिले में तार तार होता जा रहा है।इस बात को हवा इलेक्ट्रॉनिक तंत्र दे रहा है।देखा जा रहा है कि कोई भी शख्स अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर यूट्यूब पर अकाउंट खोल फर्जी नाम से अपनी न्यूज बना ख़बर  प्रसारित कर रहा है। और तो और अपनी भड़ास निकाल यह साहिब लोक टीप-टॉप बनकर बकायदा वसूली पर निकल पड़ते हैं ऐसा लगता है कि यह स्थापित समाचार पत्रों चैनलों से भी बढक़र है।आम जनता और शासकीय कर्मचारी(जो भ्रष्ट हैं )वह इन्हें हवा दे रहे हैं।आलम यह है कि प्रेसका सम्मान तो नहीं दहशत होती जा रही है। जी हां इन दिनों सिवनी नगर में  यूट्यूब चैनल पर चलने वाले पत्रकारों की भरमार कुछ ज्यादा ही हो गई है जिला जनसंपर्क विभाग  में भले ही इन तथाकथित पत्रकारों ( संबंधित यूट्यूब न्यूूज चैनलों से नियुक्ति पत्र भी नहीं जमा है ) सुबह से निकल जाते हैं टिपटॉप होकर यह यूट्यूब चैनल के पत्रकार सुबह से ही बैग टांगे निकल जाते हैं जैसे कि बड़े लाइव कवरेज में जा रहे हैं यह तथाकथित पत्रकार लोगों को बड़े-बड़े बोल बच्चन देते हैं।अपने आपको बताते हैं जिले का सबसे बड़ा पत्रकार । कुछ संस्थाओतो ऐसी है जो 1000 रुपये से 5000 हजार रुपये जमा करवाकर अपनी संस्थान का कार्ड भी बना देती है । इन फर्जी पत्रकारों ने विजिटिंग कार्ड भी छपवा रखे है। जो लोग पुलिस की चेकिंग के दोरान उनको प्रेस (मीडिया) की धोस भी दिखाते है। गाड़ी रोकने पर पुलिस से बदतमीजी करते है । इनमे से बहुत से पत्रकार है जो भूमाफिया और अपराधी है जिनपर न जाने कितने अपराधिक मुकदमे भी दर्ज है प्रेस मीडिया छपवा कर मीडिया को बदनाम कर रहे है  ये फर्जी पत्रकार प्रशासन और पुलिस को धोखा देते हुए कई सारे असामाजिक कार्यों में भी लिप्त जैसे प्रतीत होते हैं।
जी हां इन दिनों सिवनी नगर में यूट्यूब चैनल पर चलने वाले पत्रकारों की भरमार कुछ ज्यादा ही हो गई है जिला जनसंपर्क विभाग में भले ही इन तथाकथित पत्रकारों ( संबंधित यूट्यूब न्यूूज चैनलों से नियुक्ति पत्र भी नहीं जमा है ) सुबह से निकल जाते हैं टिपटॉप होकर यह यूट्यूब चैनल के पत्रकार सुबह से ही बैग टांगे निकल जाते हैं जैसे कि बड़े लाइव कवरेज में जा रहे हैं यह तथाकथित पत्रकार लोगों को बड़े-बड़े बोल बच्चन देते हैं।अपने आपको बताते हैं जिले का सबसे बड़ा पत्रकार । “कुछ संस्थाओ”तो ऐसी है जो 1000 रुपये से 5000 हजार रुपये जमा करवाकर अपनी संस्थान का कार्ड भी बना देती है । इन फर्जी पत्रकारों ने विजिटिंग कार्ड भी छपवा रखे है। जो लोग पुलिस की चेकिंग के दोरान उनको प्रेस (मीडिया) की धोस भी दिखाते है। गाड़ी रोकने पर पुलिस से बदतमीजी करते है । इनमे से बहुत से पत्रकार है जो भूमाफिया और अपराधी है जिनपर न जाने कितने अपराधिक मुकदमे भी दर्ज है प्रेस मीडिया छपवा कर मीडिया को बदनाम कर रहे है |” ये फर्जी पत्रकार प्रशासन और पुलिस को धोखा देते हुए कई सारे असामाजिक कार्यों में भी लिप्त जैसे प्रतीत होते हैं|ये समस्या सिर्फ सिवनी शहर की नहीं बल्कि हर ज़िले और कस्बे की है,  ने इस विषय पर सुझाव दिया कि जिला पुलिस प्रशासन को इस ओर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है इस संबंध में उल्लेख करना लाजमी होगा कि समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों का रजिस्ट्रेशन प्रेस ऑफ इंडिया के भारतीय समाचार पत्र कार्यालय से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन विभाग से “रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज़पेपर ऑफ इंडिया” से अनुमोदित होते हैं रजिस्टर समाचार पत्र आरएनआई प्राप्त कर संबंधित क्षेत्र के जिला अनुविभागीय अधिकारी और जनसंपर्क अधिकारी से अनुमोदित होता है।
      देखा जा रहा है कि इन दिनों ना जाने क्यों पत्रकारिता का स्वरूप “ब्लैकमेलर”हो चला है । इसका कारण सोशल मीडिया और यूट्यूब में खबरें बनाकर टूटी-फूटी भाषा से संवाद संप्रेक्षण है। कोई भी ऐसा कर और अपनी “लाइक्स”के आधार पर अपने आप को पत्रकार समझने लग जाता है। इन दिनों ऐसे तथाकथित पत्रकारों की बाढ़ सी आ गई है। इस संबंध में और ऐसे उगाए तथाकथित पत्रकारों की लंबी फेहरिस्त के बारे में जब “राष्ट्र चंडिका” ने जनसंपर्क अधिकारी से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि डी ब्लॉक और राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त 26 जनवरी पर निकलने वाले समाचार पत्रों पर हमारा नियंत्रण नहीं है या आरएनआई का क्षेत्र अधिकार है हम इस पर कुछ नहीं कर सकते।
      विगत दिवस राजेश सोनी नामक तथाकथित पत्रकार की हुई धान खरीदि केंद्र में धुनाई की खबर बानी चर्चा का विषय सूत्र बताते हैं 28 दिसंबर दिन गुरुवर को नागपुर रोड स्थिति किसी धन खरीद में राजेश सोनी नामक व्यक्ति तथाकथित पत्रकार (इसका पत्रकारिता से कोई नाता नहीं है) खरीद केंद्र में तथाकथित पत्रकार की हो गई खरीदि केंद्र में धुनाई की खबर शहर में चर्चा का विषय बना रहा.इतना ही नहीं मजे की बात तो यह है अनेक धान खरीद केंद्र के प्रभारी भी एक दूसरे प्रभारी एवन अपने जान पहचान  के वरिष्ठ पत्रकारों से इस विषय की जानकारी ले रहे हैं.खरीद केंद्र में चर्चा यह भी है कि यह व्यक्ति हमारे केंद्र में भी आया था इसकी चर्चा भी अनेक खरीद केंद्र के लोगों द्वारा आपस में चर्चा हो रही है.
            लोगों से अवैध वसूली कर रहे यह लोग पत्रकारिता के स्तर को निम्न करने में लगे हुए है। जिसका खामियाजा सही और प्रोफशनल पत्रकार भुगत रहे है। अब देखना यह है कि इस तरह के फर्जी पत्रकारों के जमावडे के रोकथाम के लिए प्रशासन क्या कर सकता है। अगर आपका किसी ऐसे फर्जी पत्रकार से सामना होता है या फिर हुआ है तो आप उसकी जानकारी हमें इस मेल एड्रेस rashtrachandika@rediffmail.com   पर भेज सकते है हम ऐसी समाज में भ्रम और अराजकता की जानकारी लोगों तक पहुचायेंगे जिससे आम आदमी से लेकर अधकारिओ तक ऐसे लोगों से बचने का रास्ता निकला जा सके।
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