इंदौर। मंत्रियों की दिलचस्पी के बाद वन विभाग ने जिस जोश-शोर से इंदौर के रालामंडल अभयारण्य में पर्यटकों को रात में सैर कराने के लिए नाइट सफारी शुरू की थी, अब उसका संचालन नहीं किया जा रहा है। तीन दिन पहले प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव ने अभयारण्य का निरीक्षण किया। उसके बाद उन्होंने अभयारण्य में पर्यटकों का रात में घूमना गलत बताया है और बोले कि नाइट सफारी सिर्फ नेशनल पार्क में करवाई जाती है। इसके बाद वन विभाग में सफारी को बंद करने की कागजी प्रक्रिया तेज हो चुकी है।
तत्कालीन वन मंत्री विजय शाह और तत्कालीन जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने जुलाई 2021 में नाइट सफारी का सुझाव दिया था। इंदौर वनमंडल ने बीस दिन ट्रायल किया। 15 अगस्त 2021 में सफारी का औपचारिक उद्घाटन हुआ। इसके लिए समय शाम 7.30 से रात 9.30 रखा गया है। कई वन्यप्राणी विशेषज्ञ व पर्यावरण प्रेमियों ने सफारी का विरोध किया। उनका तर्क था कि रात में सैर करने से अभयारण्य के वन्यप्राणी प्रभावित होंगे। मगर मंत्रियों की रुचि के आगे वन अफसर भी कुछ नहीं कर पाए। अक्टूबर-नवंबर 2022 तक 355 पर्यटकों ने सफारी को लेकर बुकिंग करवाई।
एनिमल जोन तक तेंदुए
234 हेक्टेयर में फैले रालामंडल अभयारण्य में दो से तीन तेंदुओं की मौजूदगी से जुड़े प्रमाण मिले हैं। इन दिनों तेंदुए का मूवमेंट बढ़ा है। पिछले कुछ समय से तेंदुआ एनिमल जोन और अभयारण्य के दूसरे नंबर गेट तक पहुंचने लगा है। सप्ताहभर पहले भी तेंदुए ने दो श्वानों का शिकार किया। इसके बाद वहां का स्टाफ भी घबराया हुआ है। ऐसे में पर्यटकों को सुरक्षित रखना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि अभयारण्य में स्टाफ की कमी भी है।
सिर्फ बफर जोन में अनुमति
26 दिसंबर को पीसीसीएफ श्रीवास्तव ने रालामंडल का निरीक्षण किया। डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी और रेंजर योगेश यादव भी मौजूद थे। उन्होंने अभयारण्य की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। वन अफसरों ने डियर-शिकारगाह सफारी के साथ ही जंगल और नाइट सफारी के बारे में बताया। इस पर श्रीवास्तव ने कहा कि अभयारण्य में रात में पर्यटकों का घूमना सही नहीं है। नेशनल पार्क में बफर और कोर जोन अलग-अलग रहता है। वहां भी सिर्फ पर्यटकों को बफर जोन की सैर करवाते हैं। वैसे भी ये गतिविधियां इको टूरिज्म के माध्यम से करवाई जाती है।
आदेश आना बाकी है
रालामंडल का निरीक्षण करने आए वरिष्ठ अधिकारियों ने नाइट सफारी बंद करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वन्यप्राणी वाले क्षेत्र में रात में पर्यटकों के घूमने को सुरक्षित नहीं माना है। अभी आदेश आना बाकी है। – योगेश यादव रेंजर, रालामंडल अभयारण्य
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