इंदौर। इंदौर से उज्जैन के बीच रेल मंत्रालय द्वारा वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की योजना को लेकर रेल मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है। ऐसे में मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा इंदौर से उज्जैन के बीच रीजल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) के तहत मेट्रो चलाने की योजना का प्रोजेक्ट रोका जा सकता है।
गौरतलब है कि मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने इंदौर के लवकुश चौराहे से उज्जैन महाकाल मंदिर तक करीब 44 किलोमीटर हिस्से में आरआरटीएस की योजना बनाई है। इसमें इंदौर से उज्जैन सिटी तक एलिवेटेड मेट्रो व उज्जैन सिटी में महाकाल मंदिर तक सघन बसाहट होने के कारण अंडर ग्राउंड मेट्रो की योजना है।
30 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में मेट्रो के ट्रायल रन के दौरान इंदौर से पीथमपुर व व उज्जैन तक मेट्रो चलाने की घोषणा भी की थी। दिल्ली से मेरठ के बीच नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन द्वारा आरआरटीस के तहत मेट्रो चलाई जा रही है।
इसी तर्ज पर इंदौर से उज्जैन तक मेट्रो चलाने की योजना बनाई गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा सर्वे भी किया जा चुका है। रेल मंत्रालय द्वारा वंदे मेट्रो ट्रेन की स्वीकृति के बाद अब मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि. के इंदौर से उज्जैन के बीच आरआरटीएस प्रोजेक्ट पर असमंजस की स्थिति बन गई है। ऐसे में मेट्रो रेल प्रबंधन इंदौर से पीथमपुर के बीच ही आरआरटीएस की योजना पर काम करेगा।
आरआरटीएस : खर्चा ज्यादा, कनेक्टविटी फास्ट
इंदौर से उज्जैन तक आरआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत मेट्रो चलाने के लिए करीब सात हजार करोड़ रुपये खर्च करना होंगे। इंदौर से उज्जैन सड़क मार्ग के समानांतर ही मेट्रो चलाने की योजना है। ऐसे में इस रुट पर 10 से 15 मिनट में एक मेट्रो ट्रेन इंदौर से उज्जैन तक मिले, ऐसी योजना है।
सड़क मार्ग के समानांतर मेट्रो बनाए जाने से कार व अन्य वाहनों से उज्जैन जाने वालों की संख्या में कमी आएगी और वे मेट्रो पर शिफ्ट हो सकेंगे। मेट्रो ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलेगी। ऐसे में ट्रेन के मुकाबले यह कम समय में उज्जैन पहुंचाएगी।
वंदे मेट्रो ट्रेन : खर्च कम, कनेक्टिविटी भी कम
रेलवे द्वारा इंदौर से उज्जैन के बीच फतेहाबाद वाले रुट पर रेल दोहरीकरण का कार्य किया जा चुका है। ऐसे में यदि फतेहाबाद वाले रुट से वंदे मेट्रो ट्रेन को चलाया जाता है तो लोग कम समय में इंदौर से उज्जैन पहुंच सकेगे। रेलवे ट्रैक मौजूद है। ऐसे में रेलवे को इस रुट पर सिर्फ कोच के संचालन व रख-रखाव का ही खर्च करना होगा।
इसके लिए अलग से इंफ्रास्ट्रक्चर विकसीत करने की जरुरत नहीं होगी। फिलहाल रेलवे द्वारा इंदौर से उज्जैन के बीच आठ कोच की वंदे मेट्रो ट्रेन पांच से छह फेरे लगाएगी। ऐसे में निर्धारित अंतराल पर ही इंदौर- उज्जैन जाने वालो को यह रेल सुविधा मिलेगी।
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