धार। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश धार द्वारा शुक्रवार को आरोपित छोटू पुत्र सुखमन चौधरी, प्रसंदी पुत्री सुखमन व दीपिका पत्नी प्रसंदी निवासी ग्राम मनकोरा थाना रैपुरा जिला पन्ना को हत्या सहित अन्य धाराओं में आजीवन कारावास की सुनाई गई। यह हत्याकांड बहुत ही सनसनी खेज था। इसमें एक साल की मासूम बच्ची को एक लाख 80 हजार रुपये में बेचने का विरोध करने वाली उसकी मां की हत्या कर दी गई थी।
वहीं हत्या के आरोपित ने पीथमपुर के जिस क्षेत्र में मकान किराया लिया था, वहां अपने फर्जी आधार कार्ड दिए थे। इन लोगों ने हत्या करने के बाद बिन मां की बच्ची को दिल्ली के लोगों को बेच भी दिया। बाकायदा इंदौर में वकील से दस्तावेज बनाकर बच्ची को बेचा गया था। कोर्ट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए तीन आरोपितों को तो आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, सात आरोपितों को इस षड्यंत्र में शामिल होने आदि अपराध के लिए 10-10 वर्ष के कारावास से दंडित किया है।
इन्हें मिली 10 साल की सजा
इसी प्रकरण में सागरबाई पत्नी रूपनारायण राठौड़ थाना बाणगंगा जिला इंदौर, राधाबाई पत्नी प्रताप सिंह परिहार निवासी थाना हीरानगर जिला इंदौर, मानकुंवरबाई पत्नी अंतरसिंह सोलंकी राऊखेड़ी, मिथुन पुत्र अंतरसिंह सोलंकी राऊखेड़ी जिला इंदौर, मीना पत्नी महेश गोरवे लसूड़िया जिला इंदौर, सिकंदर पत्नी गोरीलाल न्यू दिल्ली व पूनमबाई पत्नी सिंकंदर न्यू दिल्ली को भादवि की धारा 370(4) सहपठित धारा 120 में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास से दंडित किया है।
बच्ची का फोटो मोबाइल पर भेजकर किया था सौदा
लोक अभियोजन विभाग के उप संचालक टीसी बिल्लौरे ने बताया गया कि 25 अगस्त 2020 को पीथमपुर में एक महिला की लाश मिली थी। पुलिस ने जांच में पाया कि छोटू अपनी पत्नी इंद्रा (मृतका) व अपनी एक वर्ष की बच्ची को लेकर दिल्ली में रहता था, जो बाद में पीथमपुर आ गया। आरोपित प्रसंदी, छोटू व दीपिका ने साजिश कर इंद्रा की बच्ची को बेचने का षड्यंत्र किया। बच्ची के फोटो मोबाइल पर भेजकर एक लाख 80 हजार में सौदा कर दिया था। 21 अगस्त 2020 को छोटू, प्रसंदी, दीपिका द्वारा इंद्रा को उसकी बच्ची को बेचने की जानकारी दी गई। इंद्रा ने विरोध किया तो दुपट्टे से गला दबाकर हत्या कर दी गई थी।
इंदौर कोर्ट में बनवाया गोद लेने का इकरारनामा
हत्या करने के बाद उस कमरे का बाहर से ताला लगाकर सागरबाई, राधाबाई, मानकुंवरबाई, मिथुन, अंतरसिंह, मीना के माध्यम से सिकंदर व पुनमबाई को दिल्ली से पीथमपुर बुलाकर बच्ची को 1 लाख 80 हजार रुपये में बेच दिया गया। सभी अभियुक्तगण इंदोर न्यायालय परिसर में पहुंचकर स्टांप पेपर पर गोद नामा बनाया और बच्ची को सिकंदर व पुनमबाई के सुपुर्द भी कर दिया था। मौके पर छोटू व उसकी पत्नी इंद्रा का दिल्ली से इंदौर पहुंचने का रेल का ई-टिकट मिला था। इसमें छोटू के मोबाइल नंबर का उल्लेख था। इस मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस छोटू के गांव पहुंची और तीनों को पकड़ा था। इनसे पूछताछ पूरी कहानी सामने आई थी।
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