अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा की जाएगी। राम मंदिर ट्रस्ट बोर्ड के इस फैसले के मुताबिक पीएम को ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के हस्ताक्षर वाला निवेदन करने के लिए एक पत्र भेजा जाएगा। यह समारोह एक हफते का होगा जिसको मकर संक्रांति से या उसके एक दिन बाद शुरू किया जाएगा। 22 जनवरी को अयोध्या में मृगषिरा नक्षत्र में दोपहर 12:20 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। साकेत निलयम में संघ परिवार की बैठक में इस समारोह को अंतरराष्ट्रीय महत्व देने का निर्णय लिया गया है। बैठक में तैयारियों को चार चरणों में बांटकर आगे बढ़ाने का निर्णय हुआ है।
पहला चरण: रविवार से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें समारोह की कार्ययोजना रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसके लिए छोटी-छोटी संचालन समितियां बनाई जाएंगी, जो जिला और खंड स्तर पर 10-10 लोगों की टोलियों का गठन करेंगी। टोलियों में मंदिर आंदोलन के कारसेवकों को शामिल किया जाएगा और वे 250 स्थानों पर बैठकें करके समारोह को बढ़ावा देंगी।
दूसरा चरण: 1 जनवरी से शुरू होगा, जिसमें घर-घर संपर्क योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों में पूजित अक्षत, रामलला के विग्रह का चित्र, और एक पत्रक दिया जाएगा। इसके माध्यम से लोगों से समारोह के दिन दीपोत्सव मनाने की अपील की जाएगी।
तीसरा चरण: 22 जनवरी को, जब पूरे देश में उत्सव होगा और घर-घर अनुष्ठान होगा।
चौथा चरण: इस चरण में देशभर के भक्तों को रामलला के दर्शन कराए जाएंगे। यह चरण गणतंत्र दिवस से शुरू होकर 22 फरवरी तक चलेगा और यह अभियान प्रांतवार चलाया जाएगा। इसमें 31 जनवरी और 01 फरवरी को अवध प्रांत के कार्यकर्ताओं को रामलला के दर्शन कराने की योजना है।
14 कोसी परिक्रमा: रामनगरी की 14 कोसी परिक्रमा 20 नवंबर को रात 2:09 बजे से शुरू हो रही है। परिक्रमा में लगभग 42 किमी का रास्ता तय किया जाएगा। धूल ना उठे इसके लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है, बसों के फेरे बढ़ाए गए हैं और अस्थायी बस अड्डा भी बनाया गया है। परिक्रमा 21 नवंबर की रात 11:38 बजे समापलत होगी।
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