उज्जैन। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में वैकुंठ चतुर्दशी पर हरि हर मिलन होगा। हरि-हर मिलन की खुशी में पुजारी परिवार द्वारा भगवान को अन्नकूट में छप्पन पकवानों का भोग लगाया जाएगा।
दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक हरि- हर मिलन व अन्नकूट के विशेष दर्शन होंगे। पुजारी पं. रूपम व्यास ने बताया सांदीपनि आश्रम में हरि हर मिलन उत्सव की प्राचीन परंपरा है। इस दिन हरि-हर मिलन की खुशी में भगवान शिव व श्रीकृष्ण को छप्पन पकवानों का भोग लगाया जाता है।
इस बार भी यह उत्सव 25 नवंबर को मनाया जाएगा। दोपहर एक बजे मंदिर के गर्भगृह में हरि हर मिलन होगा। भगवान शिव को तुलसी की माला पहनाई जाएगी तथा भगवान श्रीकृष्ण बिल्व पत्र की माला धारण करेंगे।
मान्यता है चातुर्मास संपन्न होने के बाद भगवान शिव वैकुंठ चतुर्दशी के दिन सृष्टि के संचालन का भार पुन: श्री हरि विष्णु को सौंपते हैं। इसी धर्म प्रसंग का चित्रण उत्सव रूप में सांदीपनि आश्रम में दिखाई देता है। इन दिन बड़ी संख्या में भक्त यहां हरि हर मिलन देखने आते हैं।
कार्तिक छठ : मौनतीर्थ में हुआ भगवान कार्तिकेय का पूजन
मंगलनाथ मार्ग स्थित मौनतीर्थ आश्रम में कार्तिक छठ पर रविवार को श्री निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी डा. सुमनानंद गिरिजी महाराज ने भगवान कार्तिक स्वामी का अखाड़े की परंपरा अनुसार पूजन अर्चन किया। आश्रम के वेदपाठी बटुकों द्वारा वेदपाठ किया गया।
पूजन पश्चात महाप्रसादी का आयोजन हुआ। स्वामी डा.सुमनानंद गिरि महाराज ने बताया भगवान कार्तिक स्वामी श्री निरंजनी अखाड़े के इष्ट भगवान है। कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन कार्तिकेय भगवान की पूजा अर्चना की जाती है।
कार्तिक स्वामी धर्म की रक्षा के लिए राक्षसों का संहार करने वाले देव हैं। भगवान श्री गणेश की तरह भगवान कार्तिकेय की पूजा भी जीवन से जुड़ी सभी बाधाओं को दूर करके सुख, सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भगवान कार्तिकेय को स्कंद भी कहा जाता है।
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