कमलनाथ को उनके गढ़ में बीजेपी प्रत्याशी की चुनौती, कहा- अगर वह चुनाव लड़े तो हारेंगे

राष्ट्र चंडिका न्यूज़, छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम कमलनाथ के खिलाफ बीजेपी ने विवेक साहू बंटी को चुनावी मैदान में उतारा है, विवेक बीजेपी के जिला अध्यक्ष हैं और साल 2019 के उपचुनाव में भी कमलनाथ को चुनौती दे चुके हैं. हालांकि तब 25837 वोटों से हार गए थे, लेकिन इस बार आत्मविश्वास से भरे विवेक ने कहा कि अगर कमलनाथ चुनाव लड़े तो वह हारेंगे.विवेक बंटी साहू ने  कहा कि साल 2003 के बाद जब प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, कमलनाथ जी 15 महीने मुख्यमंत्री रहे उन्हें 15 सेकेंड नहीं लगना था छिंदवाड़ा के लिए पैसा जारी करने में, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं दिया. पढ़िए उनसे बातचीत के मुख्य अंश…
प्रश्न – आप कमलनाथ के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रहे हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री हैं और प्रदेश में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा हैं. कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं?
विवेक साहू- कमलनाथ जी एक बिज़नेसमैन हैं और पैसों के दम पर राजनीति करना चाहते हैं. 15 महीनों में जो बर्ताव उन्होंने अपने विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ किया. छिन्दवाड़ा में ये बीते 42 सालों से होता आ रहा है, ये दिखाता है कि पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उनके ख़िलाफ़ 90 हज़ार वोट मिले. उनके मुख्यमंत्री रहते हुए. कमलनाथ जी ने छिंदवाड़ा के नाम पर करोड़ों-अरबों रुपये अर्जित कर लिए, 22 फ़ैक्ट्री खोल लीं, लेकिन छिंदवाड़ा में कोई उद्योग नहीं लगाया, उनके बड़े-बड़े स्कूल कॉलेज हैं, लेकिन छिंदवाड़ा में एक भी नहीं खोला, इन 42 सालों का हिसाब जनता लेने वाली है.
 कमलनाथ अपनी रैलियों और सभाओं में विकास के ‘छिंदवाड़ा मॉडल’ का ज़िक्र करते हैं, जो दिल्ली तक चर्चित है, उस मॉडल का मुक़ाबला आप कैसे करेंगे?विवेक साहू- छिंदवाड़ा का विकास हुआ है, साल 2003 के बाद जब प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, कमलनाथ जी 15 महीने मुख्यमंत्री रहे. उन्हें 15 सेकेंड नहीं लगना था. छिंदवाड़ा को पैसे देने के लिए, छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए कमलनाथ जी ने 15 महीने में 15 पैसे भी नहीं दिए, हमने 800 करोड़ लाए. माचागोरा बांध से पानी गांवों तक पहुंचना था. उसके किए बीजेपी सरकार ने पैसे दिए, हमने कायाकल्प योजना से 18 करोड़ लाए. मुख्यमंत्री अधोसरंचना योजना में 38 करोड़ लाए. कमलनाथ जी किस मॉडल की बात करते हैं.
प्रश्न – इस साल की शुरुआत में अमित शाह से लेकर बीते महीने स्मृति ईरानी, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल समेत तमाम नेता छिंदवाड़ा आ चुके हैं, आपके साथ-साथ बीजेपी आलाकमान की साख भी दांव पर है?
विवेक साहू- सत्ता से लेकर संगठन का एक एक नेता हमारे कार्यकर्ताओं के साथ में है, इससे कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ा है. भारतीय जनता पार्टी की साथ राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व है ये सौभाग्य की बात है?एमपी तक- आपने टिकट मांगी या पार्टी नेतृत्व ने दी, आम तौर पर देखा जाता है कि नेता अपने लिए सुरक्षित सीट चुनते हैं और यहां काफ़ी बड़ा मुक़ाबला है.विवेक साहू- मैं भाग्यशाली हूं कि पार्टी ने मुझे दो बार युवा मोर्चा की ज़िम्मेदारी दी, 2019 में जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे तब उम्मीदवार बनाया, उसके बाद जिला अध्यक्ष बनाया और अब फिर से पार्टी ने मुझे मौका दे रही है.
प्रश्न — अपनी जीत को लेकर कितना आश्वस्त हैं आप?
विवेक साहू- 100 फ़ीसदी भारतीय जनता पार्टी जीतेगी क्योंकि ये मेरी और कमलनाथ जी की लड़ाई नहीं है, ये धर्म और अधर्म की लड़ाई है. ये लड़ाई उन लोगों से है, जिन्होंने सनातन धर्म का अपमान किया. कमलनाथ जी ने कुछ नहीं बोला ये दिखाता है कि कमलनाथ जी चुनावी हिंदू हैं और अब कोई उनकी बातों में नहीं आने वाला, इस बार छिंदवाड़ा की जनता भारतीय जनता पार्टी को जिताएगी.
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