युवाओं को तरजीह तो क्यों नहीं अतुल ? कांग्रेस आलाकमान की सीधी नजर

राष्ट्र चंडिका सिवनी। संक्रमण के दौर से गुजर रही और लंबा राजनीतिक वनवास काट रही देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस याने कांग्रेस (आई) इन दिनों उथल पुथल नहीं बल्कि गहन आत्ममंथन के दौर में है। कांग्रेस कार्यकर्ता खासकर युवा कांग्रेसियों में नए जोश का संचार हुवा नजर आ रहा है। कारण यह है कि स्वयं कमल नाथ जो अब 75 पार के हैं वह जब प्रदेश में पड़ोसी जिले छिंदवाड़ा में राजनैतिक पदार्पन किया था तो वे समकालीन राजनैतिक दावेदारों में संक्रमण के दौर से गुजर रही और युवा ही थे। उम्मीद की जा रही है कि लंबा राजनीतिक वनवास काट रही देश प्रदेश में प्रायः निष्क्रिय हो चली कांग्रेस की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय के व्यापक हित में वे अपने पदार्पन की कांग्रेस याने कांग्रेस (आई) इन दिनों तरह प्रदेश की विधानसभा सीट पर उथल पुथल नहीं बल्कि गहन युवाओं को तरजीह दे.सकते है बनिस्बत पुराने और जर्जर हो चुके चेहरों पर।
स्थापना के समय से ही कांग्रेस का अभेद गढ़ माने जाने वाली पार्टी की इस परंपरागत सीट पर भाजपा ने जो सेंधमारी की तो उसे किले में तब्दील कर लिया । चुनावी समीकरण विश्लेषण ना किया जाकर यदि कांग्रेस के भावी उम्मीदवार की बात की जाए तो एक नाम निर्विवाद तौर पर सामने आता नजर आ रहा है। या काफी युवा है, मिलनसार है, हसमुख है, पार्टी के हर कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाते आए हैं और सब से अलग हटकर व एक लंबी कांग्रेसी विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह नाम है युवा व्यवसायी युवा कांग्रेस का सक्रिय कार्यकर्ता और पदाधिकारी रहा ‘अतुल मालू’। बता दें कि इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि रग-रग में कांग्रेस से जुड़ी है। इनके पिता स्वर्गीय महेश चंद मालू ना केवल एक समय पर कांग्रेस की पहचान रहे वे कांग्रेस के विभिन्न अनुषांगिक संगठनों में समय- समय पर सक्रिय भूमिका निभाते रहे और एक लंबे समय तक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे। रही बात अतुल मालू की जो वह अपनी निर्विवाद छवि, और किसी गुट विशेष की गुटबाजी में ना रहकर समस्त पार्टी पदाधिकारियों और आम कार्यकर्ताओं की पसंद हो सकते हैं। सामाजिक कार्यों में भागीदारी उनके प्रति इ मतदाताओं का रुझान दे सकतीं हैं।
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