अगले बरस फिर आना… विदा हुए गणपति बप्पा, शहर में गाजे-बाजे के साथ निकली शोभायात्रा

धूमधाम से निकली गणेश विसर्जन यात्रा:भजनों की धुन पर अबीर गुलाल उड़ाते निकले भक्त
राष्ट्र चंडिका न्यूज़ सिवनी,आस्था और उत्सव के बेशुमार रंगों से भरा गणेशोत्सव अब अपने चरम पर है. अनंत चतुर्दशी के पावन अवसर पर भक्त बप्पा को विदाई दे रहे हैं. मंगलमूर्ति से सुख की कामना कर रहे हैं. पूरे देश में अनंत चतुर्दशी का पर्व उत्साह-उमंग  से मनाया जा रहा है. आस्था और उल्लास के माहौल में जगह-जगह बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन किया जा रहा है.गणेश चतुर्थी पर मंगलमूर्ति को घर लाने से लेकर उन्हें विदा करने तक, एक-एक पल भक्ति के रंग में रंगा होता है.
गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ गणेश महोत्सव की शुरूआत हुई थी। प्रतिदिन सुबह शाम भगवान गणेशजी की महाआरती के साथ भजनों का आयोजन किया जा रहा था। गुरुवार को गणेश विसर्जन यात्रा रवानगी के मौके पर पूजा-अर्चना के बाद यात्रा रवाना हुई। जयकारों के साथ विसर्जन यात्रा शुरू हुई। यात्रा में युवक अबीर-गुलाल उड़ाते हुए चल रहे थे। भजनों की स्वर लहरियां गूंजती रही। मठ मंदिर तलाव व वैनगंगा नदी तट लखनवाड़ा घाट में बड़ी संख्याश्रद्धालुओं ने गणेश की पूजा,आरती कर  विधान से प्रतिमा का विसर्जन किया गया। विसर्जन यात्रा में मोहल्ले के अनेक महिला-पुरुष शामिल हुए।
गणेश चतुर्थी उत्सव के दस दिन पूरे होने पर गणेश विसर्जन किया गया। शहर में इस मौके पर शोभायात्रा का आयोजन किया गया। सभी भक्त मूर्ति को पानी में विसर्जित करके अगले वर्ष फिर भगवान गणेश के वापस आने की आशा की।गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में आयोजित दस दिवसीय गणेश महोत्सव का गुरुवार को गणेश विसर्जन के साथ समापन हुआ।अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का धूमधाम के साथ विसर्जन किया जाता है। जिसके चलते नगर के मठ मंदिर तलाव व वैनगंगा नदी तट लखनवाड़ा घाट में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गणेश की पूजा,आरती कर विसर्जन किया। विसर्जन में किसी भी प्रकार की कोई घटना ना घटे इसके लिए पुलिस प्रशासन मुस्तेद रहा।
अनंत चतुर्दशी को गणेश विसर्जन का दिन माना जाता है क्योंकि यह दिन हिन्दू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी के बाद चौदह दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाता है, जिसमें भगवान गणेश की मूर्ति पूजन की जाती है। इसके बाद गणेश मूर्ति को विसर्जित किया जाता है।
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