बुरहानपुर जिले में तेज बार‍िश और हवा ने चौपट की केला, मक्का और गन्ना फसल

बुरहानपुर। शनिवार को हुई तेज बारिश के बाद चली हवा ने एक बार फिर किसानों को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है। खेतों में तैयार केला, मक्का और गन्ना फसल गिर गई है। किसानों का कहना है कि उनकी फसल चंद रोज बाद कटने ही वाली थी। इससे पहले प्राकृतिक आपदा ने सब कुछ चौपट कर दिया।

इन गांवों में सर्वाधिक नुकसान

शाहपुर क्षेत्र के बड़सिंगी, भावसा, चौंडी, भावसा सहित अन्य गांवों में ज्यादा नुकसान सामने आया है। भावसा के किसान अनीस मंसूरी का कहना था कि उसने साढ़े आठ हजार केले के पौधे लगाए थे। फसल बेच कर उसे बीस लाख रुपये से ज्यादा मिलते, लेकिन पूरी फसल खेत में बिछ गई। इसी तरह अन्य किसानों को भी नुकसान हुआ है। किसानों ने प्रशासन से जल्द सर्वे करा मुआवजा दिलाने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि बीते चार साल से केला उत्पादक किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार अब तक इसके लिए बीमा कंपनी नियुक्त नहीं कर पाई है।

सांसद ने दिए सर्वे के निर्देश

सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कलेक्टर भव्या मित्तल से दूरभाष पर चर्चा कर जल्द से जल्द खराब हुई फसलों का सर्वे कराने कहा है। उन्होंने कहा कि अन्य क्षेत्रों के साथ नसीराबाद, बोरीखुर्द, निमना, बसाड़, डोईफोडिया, पलासुर, पीपलपानी आदि में भी केला, गन्ना, कपास, तुवर, जवार, मक्का सहित अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। उन्होंने किसानों को विश्वास दिलाया है कि संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा सरकार किसानों के साथ खड़ी है। सर्वे की कार्रवाई पूर्ण होने के पश्चात मुआवजा की राशि किसानों को दिलाई जाएगी।

पूर्व मंत्री चिटनिस ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

तेज हवा, वर्षा और बाढ़ के कारण हुए नुकसान का मुआवजा दिलाने भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने तत्काल सर्वे दल गठित करा किसानों को हुए नुकसान का सही आंकलन करने के लिए कहा है। पत्र में कहा है कि किसानों की केला सहित अन्य फसलें को बुरहानपुर व शाहपुर क्षेत्र के अनेक गांवों में खासा नुकसान हुआ है।

फसल जमीन पर आड़ी गिर गई

उन्होंने कलेक्टर भव्या मित्तल को भी पत्र लिख कर कहा है कि 16 सितंबर को तेज हवा चलने से केला, कपास, ज्वार एवं मक्का की फसल जमीन पर आड़ी गिर गई। मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पूर्व ही केले की मुआवजा राशि एक लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ा कर दो लाख रुपये की है। वास्तविक और सहानुभूति पूर्वक सर्वे करने के लिए उद्यानिकी विभाग, कृषि विभाग, राजस्व विभाग के अफसरों से आग्रह किया है।

सर्वे दल में स्थानीय जनप्रतिनिधियों जैसे जिला पंचायत, जनपद पंचायत के सदस्यों को शामिल करने का आग्रह भी किया है। पिछली बार हुए सर्वे से किसान पूर्णतः संतुष्ट नहीं हुए थे। इसलिए अब सर्वे दल की रोजाना निगरीनी की जाए। जिससे असंतोष की स्थिति निर्मित नहीं होगी।

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