प्रो.रामगोपाल यादव का NDA सरकार पर बड़ा हमला,कहा- दिल्ली के शासकों को सत्ता से बेदखल होने का सता रहा है डर

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव ने एनडीए सरकार पर बड़ा हमला करते हुए दावा किया है कि राजवंशी की तरह दिल्ली की सत्ता चला रहे शासकों को सत्ता से बेदखल होने का डर सता रहा है। सपा महासचिव प्रो. यादव ने अपने सैफई स्थित आवास पर कहा कि सत्तासीन कुछ लोगो की पर्सनालिटी में कोई डिसऑडर्र आ गया है, जिससे उन्हें सत्ता से जाने से डर सता रहे है। दिल्ली के शासक राजवंशी की तरह सत्ता चला रहे है लेकिन उन्हें यह पता नही है कि देश में लोकतंत्र भी है।

कांग्रेस का स्थान भाजपा ने ले लिया लेकिन आज भाजपा को भी सत्ता जाने का डर सताने लगा है: प्रो. यादव
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रो. यादव ने कांग्रेस के दुर्दिन की याद दिलाते हुए कहा कि डेमोक्रेसी में बदलाव तो आम बात है। जितने दिन कांग्रेस पार्टी सत्ता में रह चुकी है इतने दिन भारतीय जनता पार्टी का रहना किसी सूरत में संभव नहीं है। उन्होंने कांग्रेस राज का जिक्र करते हुए कहा कि 17 साल जवाहर लाल नेहरू,17 साल इंदिरा गांधी,5 साल राजीव गांधी,10 साल मनमोहन सिंह,5 साल नरसिंहाराव प्रधानमंत्री के रूप में रहे लेकिन धीरे धीरे कांग्रेस छोटी पार्टी हो गई । इससे यह बात साफ हो रही है कि कांग्रेस का स्थान आज भाजपा ने ले लिया लेकिन आज भाजपा को भी सत्ता जाने का डर सताने लगा है। उन्होंने कहा है कि राजनीति में खराब समय कभी भी आ सकता है इसके लिए भाजपा नेताओं को भी तैयार रहना होगा । भाजपा नेताओं को इंडिया गठबंधन से अब डर भी लगने लगा है।

इंडिया भारत की आड़ में भाजपा अंबेडकर साहब के बनाए गए संविधान को हटाना चाहती है: प्रो. यादव
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के आमंत्रण कार्ड मे प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया लिखा गया लेकिन एक महीने बाद ही प्रेसिडेंट ऑफ भारत के नाम से नया शिगूफा छोड़ संविधान में संशोधन की बात कही जा रही है जब कि संविधान में अंबेडकर साहब ने साफ साफ इंडिया ही भारत लिखा है। इंडिया भारत की आड़ में भाजपा अंबेडकर साहब के बनाए गए संविधान को हटाना चाहती है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हर कोई इंडिया ही कहता है लेकिन भाजपा भारत बनाने पर तुली है अगर नाम बदला जाता है तो बड़ी कसरत करनी पड़ेगी। दूतावासो पर काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। नाम बदलते ही सभी पासपोर्ट भी बदलने पड़ जाएंगे।

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