इतिहास रचने के करीब आर प्रगनानंद फाइनल में विश्व चैंपियन से मुकाबला

भारत के 18 साल के ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंद (R Praggnanandhaa) और नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन के बीच चेस वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मुकाबला चल रहा है। पहली बाजी में भारतीय ग्रैंडमास्टर ने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को बराबरी पर रोका। उसके बाद बुधवार को इन दोनों का दूसरा गेम भी ड्रॉ रहा। दोनों खिलाड़ी 30 चालों के बाद ड्रॉ के लिए राजी हुए। अब चैंपियन का फैसला गुरुवार को टाईब्रेकर से होगा। भारत ने आखिरी बार 2002 में शतरंज विश्व कप अपने नाम किया था। तब विश्वनाथन आनंद ने यह कमाल किया था। उसके बाद पहली बार कोई भारतीय खिलाड़ी वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला खेल रहा है। बता दें कि कार्लसन दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी हैं और पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन हैं।

प्रगनानंंद का शानदार प्रदर्शन

इससे पहले 18 वर्षीय आर प्रगनानंद (R Praggnanandhaa) ने सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फैबियानो कारूआना को हराया था और सबसे कम उम्र के भारतीय फाइनलिस्ट बन गए। फाइनल में पहुंचने वाले आखिरी भारतीय विश्वनाथन आनंद थे, जो 2000 और 2002 में दो बार के विश्व कप विजेता हैं। इस टूर्नामेंट में प्रगनानंद ने अमेरिका के दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामूरा को भी बाहर का रास्ता दिखाया है। न्होंने 2024 में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी जगह बना ली है। ये दिग्गज खिलाड़ी बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी हैं। अगर प्रगनानंद ने टूर्नामेंट जीत लिया, तो वे ऐसी कामयाबी हासिल करनेवाले दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन जाएंगे।

जानिए कौन हैं R Praggnanandhaa?

भारत के युवा ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगनानंद का जन्म 5 अगस्त को साल 2005 में हुआ था। इन्होंने बहुत कम उ्म्र से ही अपना टैलेंट दिखाना शुरु कर दिया। साल 2013 में इन्होंने वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप अंडर-8 का टाइटल जीता था और सात साल की उम्र में FIDE Master और साल 2015 में उन्होंने अंडर-10 का टाइटल अपने नाम किया। 10 साल की उम्र में उन्होंने इतिहास रचते हुए सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर क्लास चेस प्लेयर बनने का सम्मान हासिल किया। साल 2022 में मात्र 17 साल की उम्र में वे ग्रैंडमास्टर बन गये।

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