विधायक टटोल रहे उम्मीदवारों की जमीनी हकीकत

राष्ट्र चंडिका,सिवनी मध्यपदेश में भारतीय जनता पार्टी विधान सभा चुनाव 2023 को चुनौती के तौर पर देख रही है, स्वयं केन्द्रीय मंत्री अमित शाह उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया में व्यक्तिगत रूचि दिखा रहे है वही कर्नाटक के हार से सबक लेकर भाजपा ने चुनाव के लगभग 2 माह पूर्व उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्थिति में लोकसभा चुनाव के पूर्व होने वाले इन चुनावों में पार्टी को किस तरह जीत हासिल करनी है।वर्षो से भाजपा का गढ़ रहे सिवनी विधानसभा में दावेदारों की संख्या सबसे अधिक है। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पहला चुनाव जीतने वाले दिनेश राय मुनमुन अब भाजपा की और से पुनः स्वभाविक रूप से प्रबल दावेदार है, विधायक के तौर पर अपने पूरे कार्यकाल में दिनेश राय मुनमुन की सक्रियता से उनका दावा उम्मीदवारी के लिये मजबूत बना हुआ है। हालांकि अभी भी भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कद्दावर नेता मुनमुन को दल के कार्यकर्ता के तौर पर स्वीकार करने तैयार नही है।
दावेदारों की सूची में नजर डाली जाये तो मुनमुन के बाद वर्तमान में प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य एवं बैतूल जिले के प्रभारी सुजीत जैन को संगठन आसानी से नजर अंदाज करने की स्थिति में नही है।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति की शुरूवात करने वाले इस युवा ने भाजपा युवा मोर्चा, नगर भाजपा मंडल जैसे प्रमुख दायित्वों का बखूबी निर्वाहन कर अपने संगठन क्षमता पहले ही साबित कर रखी है। प्रदेश संगठन ने सुजीत को जिला भाजपा का अध्यक्ष बनाकर संकेत दे दिया था कि पार्टी में संगठन को मजबूत बनाने वाले छोटे कार्यकर्ता को अहम पद दिये जा सकते है।
नगर एवं ग्रामीण अंचलों में सुजीत की लोकप्रियता नजर आती है। लगातार प्रदेश एवं जिला भाजपा द्वारा आयोजित की जाने वाली यात्राओं के प्रभारी के तौर पर इस नेता ने सामाजिक व धार्मिक समीकरण को भाजपा के पक्ष में करने को कोई कसर नही छोड़ी है।
सुजीत के पास जिला योजना समिति सदस्य, मप्र जन अभियान परिषद उपाध्यक्ष, दक्षिण पूर्व मध्य रेल सलाहकार समिति के सदस्य के तौर पर व्यतीत किया गया कार्यकाल भी उन्हें एक अनुभवी नेता बना चुका है।
नगर पालिका सिवनी के अकबर वार्ड से पहली बार इसी नेता ने आजादी के पश्चात प्रथम बार भाजपा को पार्षद के चुनाव में जीत का स्वाद चखाया था। सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों में भले ही सुजीत विधानसभा से अपनी दावेदारी को प्रचारित नहीं कर रहे है लेकिन केन्द्रीय एवं प्रदेश संगठन के अहम पदाधिकारियों तक उनकी पकड़ मजबूत होना विधानसभा चुनाव में दावेदारी को प्रबल कर रहा है। अन्य दावेदारों पर नजर डाले तो दिनेश रायमुनमुन से पराजय के बाद पूर्व मुनमुन से पराजय के बाद पूर्व विधायक नरेश दिवाकर भी इस विधानसभा से टिकिट के बड़े दावेदार बने हुये है। पूर्व सांसद नीता पटेरिया भाग्य के भरोसे टिकिट हासिल कर स्वयं को दावेदार साबित कर कोई कसर नही छोड़ रही है वही युवा कसर नही छोड़ रही है वही युवा मोर्चा से अपना राजनैतिक कार्यकाल आरंभ करने वाले नगर पालिका आरंभ करने वाले नगर पालिका सिवनी के पूर्व अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी वर्तमान स्थिति में देखा जाये तो भी सामान्य विधानसभा से एक सकते है अहम उम्मीदवार नजर आ रहे है।
इनके अलावा जिला भाजपा अध्यक्ष आलोक दुबे को भी उनके सर्मथक दावेदार बता रहे है हालांकि सार्वजनिक तौर पर आलोक ने अभी तक सिवनी विधानसभा से अपनी दावेदारी की पुष्टि नही की है। सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन भी भीतर खाने से टिकिट हासिल करने की कोशिश अवश्य कर रहे है लेकिन उनकी बढ़ती उम्र राह में रोड़ा बनी हुई है।
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