रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन ने क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया, तो रुस भी इनका प्रयोग करने से पीछे नहीं हटेगा। दरअसल अमेरिका ने 7 जुलाई को यूक्रेन के लिए एक नए सैन्य सहायता पैकेज का ऐलान किया, जिसमें बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को प्रतिबंधित क्लस्टर बम देने की बात स्वीकार की। उसके बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ता दिख रहा है। एक सरकारी इंटरव्यू में पुतिन ने अपने इरादे साफ करते हुए कहा कि रूस के पास भी क्लस्टर बमों का पर्याप्त भंडार है। अगर यूक्रेन में रूसी सेनाओं के खिलाफ ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया, तो हम भी इनका इस्तेमाल करने से परहेज नहीं करेंगे।
पुतिन का सख्त रवैया
पुतिन ने अपने इंटरव्यू में कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मॉस्को उसी तरह जवाब देगा, जिस तरह उसे देना चाहिए. इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हमने अभी तक उनका उपयोग नहीं किया है। यदि हमारे खिलाफ इसका उपयोग किया जाता है, तो हम जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं। वैसे पुतिन ने ये भी कहा कि वह क्लस्टर बमों के इस्तेमाल को अपराध मानते हैं। उन्होंने दावा किया कि गोला-बारूद की समस्या झेलने के बावजूद रूस ने कभी इनका इस्तेमाल नहीं किया। वैसे, एमनेस्टी इंटरनेशनल’ और ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने आरोप लगाया है कि मॉस्को और कीव दोनों ने क्लस्टर हथियारों का इस्तेमाल किया है।
क्या होते हैं क्लस्टर बम?
क्लस्टर बम को 20 किलोग्राम से कम वज़न वाले विस्फोटक सबमिशन के लिये डिज़ाइन किया गया है। इन्हें एक बड़े क्षेत्र में अंधाधुंध रूप से मनुष्यों को घायल करने या मारने और रनवे, रेलवे या पावर ट्रांसमिशन लाइन जैसे बुनियादी ढाँचे को नष्ट करने के लिये प्रयोग किया जाता है। इसमें एक साथ कई बम होते हैं, जिनमें गिरने के बाद फौरन विस्फोट नहीं होता है। लेकिन ये ज़मीन पर पड़े रहते हैं, और कभी भी फट सकते हैं। इनका पता लगाना मुश्किल होता है और ये लंबे समय तक नागरिक आबादी के लिये खतरा पैदा करते हैं। इस बम पर दुनिया के 123 देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है, हालांकि उनमें न तो अमेरिका और यूक्रेन शामिल हैं और ना ही रूस।
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