जबलपुर। बिजली की चोरी रोकने और लाइन लास कम करने के लिए स्मार्ट मीटर लगा रही है। इस काम का ठेका भी दिया जा चुका है इसके बावजूद मीटर लगाने का काम प्रारंभ नहीं हो सका है। साल 2024 तक ठेका कंपनी काे करीब 10.50 लाख मीटर लगाना है लेकिन मौजूदा काम की गति से समय सीमा के भीतर काम पूरा होना संभव नहीं दिख रहा है। इस काम के लिए 950 करोड़ रुपये कंपनी खर्च कर रही है। मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अंतर्गत आने वाले 21 जिलों में स्मार्ट मीटर लगने है। फिलहाल ठेका कंपनी सर्वे कर रही है। मीटर लगने के बाद कंपनी का अनुमान है कि मौजूदा 30 प्रतिशत लाइन लास को इन मीटरों के माध्यम से कम कर 15 प्रतिशत तक किया जा सकेगा।
लोड से लेकर खपत तक की जानकारी
स्मार्ट मीटर पूरी तरह से कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा। उपभोक्ता के घर का लोड और उसकी रियल टाइम खपत की जानकारी कम्पनी को रहेगी। यदि कहीं लोड बढ़ता है या फिर घटता है, तो कम्पनी इसकी जांच कर सकेगी। वहीं मीटरों में छेड़खानी कर होने वाली बिजली चोरी को भी रोका जा सकेगा। बिल जमा न होने पर बिना स्पॉट पर जाए डिस्कनेक्शन किया जा सकेगा।
कहां-कितना लोड किया जा रहा सर्वे
ठेका कम्पनी द्वारा सर्वे शुरू कर दिया गया है। 11 केवीए लाइन जिस ट्रांसफार्मर में जा रही है और वहां से जिस जिस एलटी लाइन में बिजली की सप्लाई जा रही है, उन सभी का सर्वे किया जा रहा है। इसके तहत एक-एक ट्रांसफार्मर और लाइन में कितना लोड है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। ठेका कम्पनी यह भी पता लगा रही है कि किस ट्रांसफार्मर में कितने उपभोक्ता है।
50 हजार मीटर लग जाने थे
सीजीएम कमर्शियल अशोक धुर्वे ने कहा कि दिसंबर 2023 तक कंपनी को 50 हजार स्मार्ट मीटर लगाने है। योजना को प्रारंभ हुए करीब छह माह बीत चुका है लेकिन कंपनी ने अभी तक मीटर ही नहीं खरीदा है। ऐसे में समय पर काम पूरा होना संभव नहीं है। इधर सीजीएम आईपीडीएस संजय भगवतकर ने कहा कि 30 माह में यह काम पूरा होना है। करीब छह माह अभी ठेका मिले हाे गया है। हर काम के लिए समय सीमा है। मीटर जैसे ही आएंगे काम शुरू हो जाएगा।
3.50 मीटर जबलपुर में
जबलपुर जिले में करीब 3.50 लाख स्मार्ट मीटर लगाया जाना है। इसके अलावा बडे शहरों में पहले चरण में स्मार्ट मीटर लगाने है। अभी तक एक भी मीटर नहीं लगा है। कंपनी सरकारी विभागों और बड़े उपभोक्ताओं के यहां पहले यह मीटर लगाएगी ताकि लाइन लास को नियंत्रित किया जा सके।
यह संभाग हैं वितरण कम्पनी में
- जबलपुर
- शहडोल
- रीवा
- सागर
वितरण कम्पनी में यह जिले
जबलपुर सिटी, जबलपुर ओएंडएम, बालाघाट, सिवनी, मंडला, नरसिंहपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, रीवा, सीधी, सतना, सिंगरोली, सागर, दमोह, टीकमगढ़, छत्तरपुर, पन्ना
यह होगा फायदा
- मीटरों का रीयल टाइम डाटा कम्पनी के सर्वर पर होगा
- कहीं भी लोड बढ़ने या कम होने की जानकारी तत्काल मिलेगी
- बिल जमा न होने पर कंट्रोल रूम से डिस्कनेक्शन
- ट्रैरिफ बदलने की परेशानी से उपभोक्ता को मुक्ति
- बिजली चोरी पर कस सकेगा शिकंजा
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