इंदौर बीएड प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने शनिवार को जारी कर दिया। 43 फीसद रहे परिणाम की वजह से विद्यार्थी परेशान हैं। अब एक बार फिर मूल्यांकन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। बाहरी शिक्षकों से उत्तरपुस्तिका जंचवाने की व्यवस्था होने के बावजूद मूल्यांकन कार्य विश्वविद्यालय अपने स्तर पर करवा रहा है। उधर, कालेज संचालक संघ ने विश्वविद्यालय पर खराब मूल्यांकन का आरोप लगाया है।
सोमवार को विद्यार्थी कुलपति डा. रेणु जैन से मिलकर परिणाम बिगड़ने पर विरोध जताएंगे। विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त 55 कालेजों में पढ़ने वाले 9207 विद्यार्थियों ने बीएड प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा दी, जिसमें 3953 छात्र-छात्राएं पास हुए हैं। यानी 535 विद्यार्थी फेल हुए हैं। 4642 छात्र-छात्राएं एक-एक विषय में फेल हुए हैं, जिन्हें तीन-चार अंक कम आने से एटीकेटी आई है, जबकि 68 परीक्षार्थियों का परिणाम रोका गया है।
हर बार परिणाम को लेकर होता है विवाद
अशासकीय शिक्षा महाविद्यालय संचालक संघ के अध्यक्ष अभय पांडे और पदाधिकारी गिरधर नागर का कहना है कि हर बार बीएड-एमएड के परिणाम को लेकर विवाद खड़ा होता है। कुलपति और अधिकारियों से चर्चा के बाद विश्वविद्यालय बाहरी शिक्षकों से कापियां जंचवाने की बात करता है। गलत ढंग से मूल्यांकन करने से विद्यार्थी परेशान होते हैं।
सोमवार को कुलपति से मिलेंगे
पांडे और नागर का कहना है कि सोमवार को कुलपति से मिलकर दोबारा मूल्यांकन की मांग रखी जाएगी। परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी का कहना है कि परिणाम को लेकर कुछ आपत्तियां आई हैं। इस मामले में कुलपति से चर्चा की जाएगी। वैसे परिणाम का प्रतिशत अच्छा है।
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