मनोरंजन जगत में नींव मजबूत होना जरूरी नहीं तो गुम जाएंगे – सौम्या टंडन

भोपाल। शहर के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर में चैंपियंस आफ चेंज मप्र पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में 17 विभूतियों को पुरस्कृत किया गया। इसमें भोपाल में जन्मी अभिनेत्री सौम्या टंडन भी पुरस्कृत हुईं। इस मौके पर उन्‍होंने नवदुनिया से अपने अनुभव साझा किए।

मेरी परवरिश में ही मेरी सफलता छुपी है

भाभीजी घर पर हैं… फेम सौम्या टंडन ने कहा कि मनोरंजन जगत में अगर आपकी नींव मजबूत नहीं होगी तो आप वहां जाकर गुम जाएंगे। अगर आप अपनी जमीन से नहीं जुड़ेंगे तो सफल नहीं हो पाएंगे। सौम्‍या बताती हैं कि मेरा जन्मस्थल भोपाल है और परिवरिश उज्जैन में हुई। बचपन से ही मुझे साहित्य और कला का माहौल मिला। शुरुआत में कविताएं लिखती थीं। कालिदास अकादमी में रंगकर्म करती थी। मां चित्रकार और पिता लेखक थे। जो माहौल मिला है, उसी का नतीजा है कि मैं आज यहां तक पहुंच सकी। मेरी परवरिश में ही मेरी सफलता छुपी है।

बिग बास जैसे शो मेरे मिजाज के नहीं

रियलिटी शो के बारे में उन्होंने बताया कि मैं बिग बास नहीं देखती। अगर मुझे उसमें बुलाया भी जाता है तो मेरी तबीयत पर वह शो फिट नहीं बैठता। जहां पर कला का संबंध होता है, वह मुझे ठीक लगता है। लेकिन अभी तक मैंने 14 शो होस्ट किए हैं।

वास्तविक जीवन में अलग हूं

‘गोरी मैम’ ने बताया कि मैं वास्तविक जीवन में अलग हूं। आजाद होने के साथ अंदर से मजबूत महिला हूं। लेकिन अपने पति को अंगुलियों पर नहीं नचा पाती। शायद यह अमूमन महिलाओं का सपना भी होता है, इसलिए लोगों को मजा भी आता है।

डेली सोप पंसद नहीं

उन्होंने बताया कि टेलीविजन पर डेली शो का फारमेट मुझे अनकंफर्टेबल लगता है। लिमिटेड एपिसोड वाले शो ही पसंद आते हैं। डेली सोप में आप एक ही किरदार से बंध जाते हैं, कुछ अलग नहीं कर पाते। इसलिए एक सीरियस अभिनय करने के लिए मुश्किल होता है। फिलहाल मैंने इंटरनेट मीडिया पर एक शो शुरू किया है। उसके जरिए पूरे देश का भ्रमण कर रही हूं। ऐसे साधारण लोगों से मिल रही हूं, जो असाधारण काम कर रहे हैं। इसकी शुरुआत कश्मीर से की

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