उज्जैन। अंचल में मंगलवार को हुई तेज बरसात ने उज्जैन में प्रवाहित मोक्षदायिनी शिप्रा नदी को उफान पर ला दिया। इससे अगले दिन बुधवार को राम घाट पर स्थित कई मंदिर दिनभर जलमग्न रहे। छोटा पुल भी पानी में डूबा रहा। ऐसे में लोगों को रास्ता बदल बड़े पुल से होकर जाना पड़ा। जल निकासी का इंतजाम ठीक न होने से कुछ मुख्य मार्गों और निचले क्षेत्र की कालोनियों में भी पानी भरा रहा।
नदी किनारे सीवेज पाइपलाइन और वाटर सप्लाई पाइपलाइन बिछाने को रखे कुछ पाइप नदी में बहने की खबर रही। इधर, शहर में जल आपूर्ती के मुख्य केंद्र गंभीर बांध में भी पानी बढ़ता नजर आया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुसार 24 घंटों में 60 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) पानी गंभीर में बढ़ा।
इससे जल उपलब्धता 449 एमसीएफटी हो गई। कार्यालय भू अभिलेख शाखा के अनुसार उज्जैन जिले में बीते 24 घंटों में कुल 47.7 मिलीमीटर बरसात हुई। इससे इस सीजन में हुई बरसात का कुल आंकड़ा बढ़कर 230.9 मिलीमीटर पहुंच
बरसात थमने के बाद कई युवा साथी कालियादेह महल पर फोटो-वीडियोग्राफी करने पहुंचे। उन्होंने ‘नईदुनिया’ से कहा कि शिप्रा नदी में जल स्तर बढ़ने पर यहां का नजारा बेहद खूबसूरत होता है। 52 कुंड में उछलकर कलकल बहता पानी और चहकते पक्षियों की संगीत की स्वरलहरियों का अहसास कराती है। स्वच्छ और हरियाली से आच्छादित वातावरण मन प्रसन्न करता है।
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