डीएम-एसपी डीएसपी से गुहार फिर भी छात्रा हुई गुंडे का शिकार

ग्वालियर। कोचिंग से लौट रही 17 वर्षीय छात्रा अक्षया की सरेराह गुंडे द्वारा गोली मारकर हत्या की जब नईदुनिया न्र पेड़ताल की तो सिस्टम का वह लापरवाह चेहरा सामने आया है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। छात्रा और सहेली के न सिर्फ परिवार ने बल्कि उन दोनों ने इस गुंडे से पीछा छुड़ाने के लिए हर वह कोशिश की जो कोई सभ्य समाज का परिवार कर सकता है लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। उल्टा गुंडे को पता चला तो उसने छात्रा पर फायरिंग कर दी जिससे सहेली की मौत हो गई। किरकिरी होने के बाद घटना के दूसरे दिन लापरवाही बरतने वाले थानेदार को निलंबित करने की खानापूर्ति की गई है। जबकि लापरवाही डीएसपी को बचा लिया गया है। लेकिन इस घटना ने ग्वालियर की पूरी कासनून व्यवस्था और भांजियों की सुरक्षा पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

एसआइ से गुहार, कार्रवाई तो दूर बताया बाहर का रास्ता

सात दिन पहले छात्रा जब कोचिंग के बाहर थी, तभी सुमित अपने साथियों के साथ उसे कोचिंग के बाहर फालो करता दिखा, फिर गुब्बारा फाटक के पास वह नजर आया। छात्रा अनहोनी की आशंका के चलते माधोगंज थाने पहुंची। माधवगंज थाने के सब इंस्पेक्टर प्रमोद शर्मा से मिली, लेकिन उसे देखते ही प्रमोद शर्मा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। अगर उस दौरान सुनवाई करते तो शायद यह घटना न होती।

काश… ऐसे एक्शन पहले हो तो सुधरे सिस्टम : एसआई शर्मा निलंबित

नईदुनिया ने प्रमुखता से छात्रा की हत्या के मामले में सब इंस्पेक्टर प्रमोद शर्मा की लापरवाही को उजागर किया। इसके बाद पुलिस अफसर एक्शन में आए और एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने एसआई प्रमोद शर्मा को निलंबित कर दिया है। काश पुलिस अफसर लापरवाहों पर ऐसे एक्शन पहले लेते तो शायद… यह घटना न होती।

गुस्से में शहर, कोचिंग संचालक बोले- कार्रवाई होती तो जिंदा होती अक्षया

घटना के बाद शहर गुस्से में है, हर जगह घटना की चर्चा है। इंटरनेट मीडिया पर तमाम पोस्ट बहु प्रसारित हो रही हैं, जिसमें लोग अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। कोचिंग संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष एमपी सिंह का कहना है- अगर समय पर पुलिस छात्रा की परेशानी सुन कार्रवाई करती तो आज अक्षया जीवित होती। लक्ष्मी बाई कालोनी में पुलिस चौकी पर स्टाफ तैनात करने के लिए एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने शनिवार को आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक चौकी पर ताला ही पड़ा हुआ है। उधर यादव समाज के अध्यक्ष रूपेश यादव का कहना है, अगर 2 दिन के अंदर आरोपी नहीं पकड़े गए, तो शहर में सड़क पर उतरकर यादव समाज आंदोलन, विरोध प्रदर्शन करेगा।

छात्रा ने डीएसपी से कहा था – मैडम! मुझे अकेले में बात करनी है

– कोचिंग संस्थानों के आसपास मनचलो, गुंडों से प्रताड़ित हो रही बेटियों की पीड़ा को नईदुनिया ने प्रमुखता से सिस्टम के सामने उजागर किया था, इसके बाद शनिवार को कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसएसपी राजेश सिंह चंदेल लक्ष्मीबाई कालोनी पहुंचे। जिस छात्रा सोनाक्षी शर्मा को टारगेट कर गोलियां चलाई गई और जिस छात्रा अक्षया यादव की हत्या हुई, दोनों ही शिक्षक अज्ञात गुप्ता की कोचिंग में पढ़ने के लिए जाती थीं। कलेक्टर और एसएसपी छात्रों से संवाद के दौरान छात्रा सोनाक्षी शर्मा और अक्षया सिंह यादव ने कहा था कि उन्हें सुरक्षित माहौल दिया जाएगा, सोनाक्षी ने अपनी पीड़ा भी बताई थी। छात्रा ने कहा पूछा था कि अगर कोई पीछा करे तो कैसे मदद मिलेगी। इस पर सोनाक्षी को नंबर दिया गया, था। इस दौरान वहां मौजूद महिला डीएसपी से कहा था- कि मैडम मुझे अकेले में बात करनी है। छात्रा डीएसपी से मिली और बताया- गुंडा सुमित रावत उसका रोज पीछा कर रहा है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

बेशर्म सफाई:

सीधी बात- डीएसपी हिना खान से

सवाल: आपसे कलेक्टर और एसएसपी के सामने छात्रा ने मदद मांगी थी, आपने कोई एक्शन लिया क्या?

जवाब: मुझसे वह मिली थी तो मैंने पूछा था कोई कार्रवाई हुई तो उसने बताया कि एफआईआर हुई थी, आरोपित भी पकड़े गए थे।

सवाल: आपने कोई एक्शन लिया था क्या, किसी अधिकारी को कोई कार्रवाई के लिए कहा था क्या?

जवाब: मैंने उसे अपना नंबर दिया था, बोला था- आफिस आ जाना, फिर वो आई ही नहीं, अब ये घटना हो गई।

सवाल: क्या बताया था छात्रा ने?

जवाब: ज्यादा बात नहीं हो पाई थी, क्योंकि भीड़ ज्यादा थी, छेड़छाड़ पीछा करने के बारे में बताया था

सीधी बात प्रमोद शर्मा, एसआइ, थाना माधोगंज

सवाल: आपके पास घटना से छह दिन पहले छात्रा सोनाक्षी आई थी, आपने क्या कार्रवाई की?

जवाब: हां आई थी, उसने बताया था कि कोचिंग के पास और गुब्बारा फाटक के पास सुमित को देखा था, मैंने कहा था पड़ाव या कोतवाली थाने में एफआइआर करवा दें। घटनास्थल वहीं का था।

सवाल: आप को नहीं लगता आपने लापरवाही की और इस कारण एक छात्रा की जान चली गई?

जवाब: हमारे यहां तो पहले कार्रवाई हुई थी, एएसआइ भी छात्रा के बताने पर गए थे, लेकिन तब तक वो भाग गया था। मैंने उसका पूरा सहयोग किया था।

सवाल: अगर आप एक्शन लेते तो घटना टल सकती थी।

जवाब: हमें नहीं पता था वह कुछ ऐसा कर देगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.