संस्कृति बोध परियोजना का करें विस्तार: डा. देवनारायण

बिलासपुर। सरस्वती शिशु मंदिरों के माध्यम से अध्यापन के समानांतर सामाजिक सरोकारों के विभिन्न प्रकल्प संचालित किए जाते हैं। वर्तमान समय को देखते हुए सेवा प्रकल्पों को और सुदृढ़ तथा विस्तारित किए जाने की जरूरत है। आप सभी अपने क्षेत्रों में एकल विद्यालय और संस्कृति बोध परियोजना की अवधारणा को जनजन तक पहुंचाने के लिए यथासंभव योगदान करें।‌

सरस्वती शिक्षा संस्थान के संगठन मंत्री डॉ देवनारायण साहू और सचिव विवेक सक्सेना ने यह प्रेरणा सरस्वती शिशु मंदिर कोनी में प्रदेशभर के 165 स्कूलों के प्राचार्य प्रधानाचार्य के प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित करते हुए दी। डा. साहू ने गत वर्ष एकल विद्यालय और संस्कृति बोध परियोजना के क्षेत्र में विभिन्न स्कूलों के द्वारा किए गए कार्यों और गतिविधियों की समीक्षा की।

इस संबंध में बहुत से प्राचार्य ने अपने विद्यालयों के शानदार परफॉर्मेंस के बारे में बताया। इस बैठक में विविध सेवा प्रकल्पों से सहयोगी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं पूर्व छात्र परिषद को जोड़ने के लिए मार्गदर्शन भी दिया गया। बैठक में सशिसं के सचिव विवेक सक्सेना ने पूर्व छात्र परिषद के गठन उनके विस्तार सक्रियता को लेकर महत्वपूर्ण टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों को पारिवारिक भाव से जोड़ने की जरूरत है।

उन्होंने प्राचार्यों से कहा कि वे अपने स्कूलों के पूर्व छात्रों की समिति और कार्यकारिणी बनाकर उन्हें वर्तमान विद्यार्थियों से जोड़ने का कार्य करें। बारहवीं के बाद अपने स्कूल के छात्र छात्राओं को आगे के लिए कैरियर काउंसलिंग में सहयोग, सहयोग पोर्टल पर पूर्व छात्र छात्राओं का डाटा पंजीयन को लेकर विस्तार से समझाया गया। बैठकों का सिलसिला 02 जून तक चलेगा। बैठक में सभी संभाग समन्वयक,गौरीशंकर कटकवार, चंद्रकिशोर श्रीवास्तव, रामकुमार वर्मा अधिकारी कर्मचारी भी शामिल रहेंगे।

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