दिग्विजय सिंह के भरोसे सिवनी विधानसभा सीट

गुटबाजी के कारण सिवनी विधानसभा सीट हारते रही है कांग्रेस
कमलनाथ ने कुछ लोगो तक ही सीमित कर रखा था सिवनी की राजनीति
अध्यक्ष रहते गवाई जिला पंचायत, जनपद और चार नगरीय निकाय
राष्ट्र चंडिका, सिवनी। मध्यप्रदेश की 66 ऐसी विधानसभा सीट है जहां से कांग्रेस लंबे समय से हारते रही है। बताया जाता है कि मप्र की ऐसी 66 सीटों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के ऊपर भरोसा जताते हुए उन्हें जीत दिलाने जाएगी। की जिम्मेदारी सौंपी है। बताया जाता है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इसी सिलसिले में 15 मई को सिवनी पहुंच रहे हैं जो रात्रि विश्राम सिवनी में ही करेंगे और 16 मई को जिला कांग्रेस कमेटी इंदिरा भवन में सुबह 10 बजे पत्रकारो से रूबरू होंगे और उसके बाद 11 बजे सिर्फ सिवनी विधानसभा क्षेत्र के सेक्टर, मंडलम, बीएलए व कांग्रेस कार्यकर्ताओ की बैठक लेंगे। वहीं दोप. 12 बजे सिर्फ सिवनी विधानसभा क्षेत्र के ही जिला, जनपद व नगर पालिका के निर्वाचित सदस्यों व महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, कांग्रेस सेवादल, किसान कांग्रेस, आईटीसेल, एनएसयूआई एवं प्रकोष्ठ व विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक दिग्विजय सिंह का सिर्फ सिवनी विधानसभा के लिए ही आना इस बात का संकेत है कि सिवनी विधानसभा को लेकर दिग्विजय सिंह गंभीर है और राजनीतिक जानकारों की माने तो यदि कमलनाथ ने 66 विधानसभा सीट में दिग्विजय सिंह को भेजा सिवनी की राजनीति के बारे में कहा जाता है कि यहां की राजनीति कमलनाथ के इशारो पर चलती है और सिवनी के मतदाताओं ने सिवनी में कमलनाथ की पसंद को स्वीकार नहीं किया है जिसका सबसे बड़ा प्रमाण 2003 के चुनाव में कमलनाथ ने अपने करीबी राजकुमार खुराना को टिकिट दिया था उस समय राजकुमार खुराना लगभग 15 हजार 534 वोटो से हारे थे। 2013 के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने एक बार फिर राजकुमार खुराना को ही टिकिट दिया था और 2013 के विधानसभा चुनाव में भी सिवनी की जनता ने राजकुमार खुराना को नकार दिया था। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तीसरे पायदान पर पहुंची थी और वह 23 हजार से अधिक वोटो से हारे थे बावजूद इसके कमलनाथ का राजकुमार खुराना के प्रति प्रेम कम नहीं हुआ और बाद में उन्होंने श्री खुराना को जिला कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया।
अध्यक्ष रहते गवाई जिला पंचायत, जनपद और चार नगरीय निकाय है और यदि वह दिग्विजय सिंह की रिपोर्ट के आधार पर टिकिट वितरित करते हैं तो फिर सिवनी में गुटबाजी के हिसाब से नहीं बल्कि जिताऊ चेहरे के हिसाब से टिकिट दी
कमलनाथ की पसंद को जनता ने नकारा दिग्विजय सिंह सिवनी पहुंचे तो उन्हें यहां की राजनीतिक समीक्षाएं भी अवश्य करना चाहिए कि जब से राजकुमार खुराना जिला कांग्रेस के अध्यक्ष बने है तब से कांग्रेस ने क्या क्या खोया है ? राजकुमार खुराना के रहते जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव हुए जिसमें राजकुमार खुराना ने अपने करीबी लल्लू बघेल को अध्यक्ष बनाने की जिद करते हुए जिला पंचायत ही डुबो दिया। सिवनी में आठ जनपद है लेकिन एक भी जनपद में कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बन पाया। सिवनी के पांच नगरीय निकाय में चुनाव हुए जिसमें से सिर्फ सिवनी नगर पालिका में कांग्रेस के शफीक खान अध्यक्ष बने जबकि लखनादौन, बरघाट, छपारा और केवलारी नगर परिषद में किसी भी प्रत्याशी को खड़ा नहीं किया गया। ऐसे में दिग्विजय सिंह को पप्पू खुराना से यह अवश्य पूछना चाहिए कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि जिले के जनपदों, नगरीय निकाय में पार्टी की किरकिरी क्यों हुई ?
अपने करीबियों को बनाया है मोर्चा, प्रकोष्ठ का अध्यक्ष
वैसे दिग्विजयसिंह यदि सिवनी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न प्रकोष्ठ, मोर्चा और बीएलए की समीक्षा करेंगे तो पता चल जायेगा कि राजकुमार खुराना ने सिर्फ अपने करीबियों को ही उपकृत किया है। यदि दिग्विजय सिंह इन कार्यकर्ताओ से नब्ज टटोलेंगे तो अधिकांश लोग वही नाम लेंगे जो श्री खुराना चाहते हैं क्योंकि अधिकांश लोगों की ताजपोशी श्री खुराना ने ही किया है ऐसे में दिग्विजय सिंह को और भी सर्वे कराना चाहिए, यदि वह सिर्फ मोर्चा, प्रकोष्ठ और बीएलए से जानकारी जुटाकर किसी नतीजे पर पहुंचने का प्रयास करेंगे तो यह एक बड़ी चूक भी हो सकती है।
इन विधानसभा की मिली जिम्मेदारी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह जिन 66 सीटों पर दौरे कर रहे हैं, उनमें बैरसिया, गोविंदपुरा, बुधनी, सीहोर, आष्टा, टिमरनी, रामपुर बघेलान, रीवा, मनगवां, त्योंथर, दतिया, शिवपुरी, गुना, बमोरी, ग्वालियर 15, शमशाबाद, कुरवाई, बीना, खुरई, सुरखी, सागर, नरयावली, रहली, हटा, पथरिया, शुजालपुर, सुसनेर, उज्जैन उत्तर उज्जैन दक्षिण, बदनावर, रतलाम, सुवासरा, मंदसौर, नीमच, जावद, सिरमौर देवतालाब, सिंगरौली, देवसर, धौहानी, जयसिंहनगर, अनूपपुर मुड़वारा, सिहोरा, जबलपुर कैंट पनागर, सिवनी, पिपरिया, होशंगाबाद, सांची, सारंगपुर देवास, इंदौर 2, इंदौर 4, इंदौर 5 सांवेर, खातेगांव, बागली, हरसूद, बुरहानपुर, खंडवा, पंधाना, अशोकनगर, मुंगावली, चंदला और बिजावर शामिल हैं।
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