भाजपा में पलायनवादी नेताओं को मिलती है पद और प्रतिष्ठा

कांग्रेसियों को हमेशा विधायक, मंत्री व जिलाध्यक्ष पद से नवाजा
राष्ट्र चंडिका, सिवनी। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता इस समय पशोपेश में है कि पार्टी में उनका भविष्य सुरक्षित सा नही लग रहा है क्योंकि बड़े नेता देश भक्ति राष्ट्र विकास के नाम से कार्यकर्ताओं को लच्छेदार भाषण तो देते है मगर उसके एवज में कार्यकर्ताओं को जो सम्मान और पद मिलना चाहिए उससे वंचित रखा जाता है ऐसी स्थिति में कार्यकर्ता अपने आपकों को ठगा सा महसूस करता है।
देखा गया कि जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी के लिए जीवन समर्पित कर दिया ऐसे कार्यकर्ताओं को न तो टिकिट दिया गया और न ही पार्टी की कार्यकारिणी में योग्यता के अनुसार उन्हें पार्टी में स्थान दिया गया। इस बार भी पार्टी की रणनीति से लोग नाराज है।
इतिहास गवाह है कि भाजपा ने कांग्रेस से पलायन कर भाजपा में आये लोगों को पदों से नवाजा है जिसमें स्व. महेश प्रसाद शुक्ला जो मंत्री और विधायक रहे, अशोक तेकाम जो सहकारी बैंक के प्रबंधक रहे, टक्कन सिंह मरकाम बैंक के अध्यक्ष रहे, राकेश पाल जो वर्तमान विधायक है, दिनेश राय जो निर्दलीय से भाजपा में शामिल हुए प्रदीप राय जो कांग्रेस से भाजपा में आकर उपाध्यक्ष बनाये गये।
लेकिन भाजपा में जीवन समर्पित करने वाले नेताओं में जिले के अनेक नाम है जो सिर्फ भाजपा के लिए समर्पित रहे उन्हें इसका प्रतिफल कुछ नही मिला और अब तो आयु सीमा के चलते इनका राजनैतिक अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जा रहा है। जीवन भर राजनैतिक सफर करने वाले लोगों के लिए भाजपा बुढ़ापे में बैसाखी बनती तो है मगर वह ऐसे लोगों को सहारा देने के नाम पर बाहर का रास्ता दिखाती।
तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित की बात कहने वाली पार्टी के नियमों और अनुशासन सुनने में तो अच्छे लगते है मगर घर चलाने के लिए चूल्हा जलाने के लिए पेंट के पर्स में गांधी वाले नोट की जरूरत होती है और इस कार्य को करने के लिए पार्टी अनुशासन का हंटर दिखाती है क्या ऐसे में कार्यकर्ता पार्टी के प्रति समर्पित रहेंगे यह चिंता का विषय है।
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