181 में शिकायत के बाद क्यों नही कार्यवाही बंटा पर?

राष्ट्र चंडिका सिवनी। लंबे समय तक जिस तालाब में पानी भरा रहता है तो गंदा हो जाता है ठीक यही स्थिति सरकारी महकमें के साथ लागू होती है खासकर पुलिस विभाग में कर्मचारियों को स्थान परिवर्तन किये जाने की परम्परा भी रही है बहुत से कर्म ऐसे पुलिस के कर्मचारी होते है जिन पर अधिकारियों की कृपा बरसती है और वह एक स्थान पर लंबे समय तक रहते है नगर कोतवाली के पदस्थ बटलर सुरेश सोनी बंटा के नाम से जाने पहचाने जाने वाले आरक्षक अपने आप में अलग ही शख्सियत है जिन्होने आरक्षक बनने के बाद विभाग कोई ऐसा काम नही किया जो गिन सके।
जिन साथियों के साथ मिलकर कोतवाली में पदस्थ हुए थे ऐसे आरक्षक साथियों में बहुत तो सेवा निवृत्त हो गये और बहुत से स्थानांतरित हो गये लेकिन सुरेश सोनी बंटा ने कोतवाली में ऐसी जड़े जमा ली है कि कोई इन्हें हटाने का साहस नही कर पाता दिन भर प्रायवेट बस स्टेण्ड में चाय पान की दुकान में घूमते हुए इनकी सेवाएं पूरी हो रही है और अब तो वह गर्व से कहते है मेरी नौकरी तो भगवान भरोसे है क्योंकि 90 प्रतिशत तो कट गई शेष भी कट जायेगी।
सूत्र बताते है कि इनकी सीएम हेल्पलाईन में भी शिकायत हैं मगर कार्यवाही की प्रतीक्षा है सूत्र बताते है कि बंटा द्वारा काले काम भी इतनी सफाई से किये जाते है कि जांच में उन्हें क्लीनचिट मिलना सामान्य सी बात है विभाग के अनेक साथ उनकी कार्यप्रणाली से संतुष्ट होने के बाद भी अपने सीनियर के खिलाफ कुछ नही बोल पाते है दिन भर एक ही जुगाड़ में रहते है कि किसका गला दबाकर नोट लें यहां तक की जो इनके चंगुल में फंस गया तो फिर उसे लंबे पूजा प्रसाद के बाद ही राहत मिल सकती है बेहतर होता किसी फरियादी के यहा पर पहुंचने पर सुरक्षा न्याय मिल सकता।
सरकारी महकमें में वे ही व्यक्ति एक स्थान पर रहते है जिनमें दो गुण पाये जाते है या तो विभाग में आपका कार्य उत्कृष्ट हो तब विभागीय लोग लंबे समय तक एक स्थान पर सेवा के लिए आतुर रहते है लेकिन बंटा सोनी में ऐसा कोई गुण तो नही है दूसरा अधिनस्थ कर्मचारियों की चमचागिरी या चापलूसी के बल पर ही लंबे समय तक रहा जा सकता है ऐसा आमतौर पर कहा जाता है अब आप स्वयं सोच सकते है कि बंटा सोनी किस तरह यहा पर लंबे समय से पदस्थ है सूत्रों का कहना है कि मारपीट के मामले में बंटा सोनी की 181 सीएम हेल्पलाईन में शिकायत होने के बाद भी कार्यवाही नही होती है यह समझ से परे है अगर बंटा सोनी जैसे लोगों के भरोसे विभाग चलता रहा तो विभाग की गरिमा पर सवाल उठना प्रारंभ हो जायेंगे।
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