ग्वालियर । स्वाद के दीवानों की शहर में कमी नहीं है। जहां जायकेदार व्यंजन मिलते हैं, वहां तक पहुंच ही जाते हैं। ऐसे अड्डों पर पहुंचने के लिए पेट्रोल पर आने वाले खर्च की भी परवाह नहीं करते हैं। टिक्की, समोसे, डोसा की नहीं, आज हम बात करते हैं दाल के साथ मिलने वाली पूरी के काकटेल की। सुनने में आपको थोड़ा सा अजीब लगेगा, लेकिन सच यही है। आप भी अगर इस लाजवाब स्वाद काे चखना चाहते हैं तो पहुंच सकते हैं माधौगंज क्षेत्र में कुंदनलाल पूरी वाले के पास। ये ऐसी जगह है, जहां सुबह-शाम स्वाद के दीवानों की भीड़ जमा रहती है। दुकान संचालक और हलवाई को दोपहर के समय ही थोड़ा बहुत आराम करने का मौका मिल पाता है। स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद: इस दुकान पर दाल के साथ-साथ कड़हाई से निकाली गईं गरमा-गर्म पूरियां परोसी जाती है। इस जायके को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी बताया जाता है। यहां मिलने वाली दाल आयल फ्री होती है। वाकई ऐसा है। मूंग और चने की उबली दाल के साथ इमली की चटनी, हरी मिर्च, प्याज, धनिया, लाल मिर्च और घर का बनाया हुआ लाजवाब मसाला मिक्स किया जाता है। जितने भी मसालों का इसमें प्रयोग किया जाता है, उन्हें घर पर ही कूटा जाता है। यहां 20 रुपये में दाल के साथ चार पूरियां मिलती हैं। नहीं तो दाल के साथ मैदा में बनाया गया टिक्कर मिलता है। संचालक कुंदन माखीजा बताते हैं, वे चालीस साल से शहर को यह जायका परोस रहे हैं। बारिश और ठंड के मौसम में उनके यहां सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है। बारिश में तो शहरवासी दाल के साथ टिक्कर का जायका लेना पसंद करते हैं। स्वाद की तलाश में घूमने वाले शहरवासियों के लिए कुंदनलाल पूरी वाला 40 साल से बड़ा विकल्प बना हुआ है। यहां मिलने वाले जायके का हर वर्ग दीवाना बना हुआ है। दोपहर को छोड़ यहां सुबह-शाम स्वाद के दीवानों की कतारें लगी रहती हैं। दाल के जायके को कुंदनलाल घर में कुटे मसालों को मिक्स कर बढ़ाते हैं। कुछ तो इस काकटेल के नियमित ग्राहक बने हुए हैं।
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