- मंथन कर डैमेज कंट्रोल में जुटेंगे रणनीतिकार…भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले विरोध हमारे लिए संजीवनी
- 20 दिन में 171 बार हुई भाजपा की फजीहत
- विकास यात्रा में जनता के साथ अपनों ने भी खोली सरकारी सिस्टम की पोल
भोपाल । मप्र में विकास यात्रा के नाम पर अपने जनधार का आकलन करने निकले शिवराज सरकार के मंत्रियों, विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकताओं को 20 दिन में करीब 171 बाद जनता के विरोध का सामना करना पड़ा है। यात्रा की समाप्ति के बाद अब पार्टी के रणनीतिकार रविवार से इसके साइड इफेक्ट का आकलन कर डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। इसके लिए रविवार को बूथ विस्तारकों के साथ मंथन किया गया। भाजपा सूत्रों का कहना है कि बैठक में इस बात पर चिंता जाहिर की गई की आखिरकार पार्टी के नेताओं के विरोध के पीछे की वजह क्या है। विकास यात्राओं के विरोध को लेकर वीडी शर्मा ने कहा, 230 विधानसभाओं में से चार-छह जगह ऐसा हुआ भी है तो हमें अपडेट करने की जरूरत है। हम इसे गलत नहीं मानते। ये अच्छा ही है। यदि कहीं ऐसा हुआ है तो वो भी हमारे लिए संजीवनी है। अगर कोई समस्या आई है तो उसकी जिम्मेदारी हमारी है।
भाजपा में इस बात को लेकर भी मंथन हो रहा है कि विकास यात्रा क्या वाकई फ्लॉप रही या इसे फ्लॉप साबित करने की पूरी कोशिश की गई। यात्रा का नाम भले ही विकास है, लेकिन इसका मकसद सिर्फ विकास नहीं था। सूत्रों का कहना है की अब तक कराए गए सर्वे में भाजपा की स्थिति को काफी कमजोर बताया गया है। इसलिए भाजपा ने विकास यात्रा के माध्यम से सबको साधने की कोशिश की। यात्रा का मकसद भाजपा के विकास का संदेश जन-जन तक पहुंचाना था। लेकिन बदले में भाजपा को लोगों की नाराजगी मिली, जिसे देखकर कांग्रेस ने यात्रा को पूरी तरह फ्लॉप करार दे दिया है।
ये हर विधायक की रिपोर्ट यात्रा
वास्तविकता यह है कि यात्रा का नाम भले ही विकास यात्रा था, असल में ये हर विधायक की रिपोर्ट यात्रा थी। जिसके सहारे भाजपा को चुनाव से जुड़े कुछ बड़े फैसले लेने में आसानी होने वाली है। सड़कों को नापते-नापते विधायकों के दावों की गहराई को आंकी जा चुकी है। चुनावी समर में जिस एंटी इकबेसी का डर है, इस यात्रा से उसे काफी हद तक मिटाने की तैयारी थी। चाहते हुए या न चाहते हुए भी मंत्री और विधायकों ने अपनी कमजोर कड़ी अपने पार्टी के बड़े नेताओं के हाथ में रख दी है। जिसके आधार पर भाजपा अब चुनाव से जुड़े कई बड़े फैसले बहुत ही आसानी से ले सकेगी।
जनता की नाराजगी ने बढ़ाई चिंता
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता को देखते हुए उसी की तर्ज पर भाजपा ने विकास यात्रा निकालने का निर्णय लिया था। राहुल की यात्रा का तो हर जगह जोरदार स्वागत हुआ। लेकिन भाजपा की विकास यात्रा जहां-जहां गई, वहां से इसकी उल्ट खबरें ही सुनाई दी। कहीं ये विकास यात्रा विरोध की शिकार हुई तो कहीं यात्रा में शामिल विधायक को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ी। जिन क्षेत्रों में ये शिकायत है कि जनप्रतिनिधि दिखते ही नहीं या आते ही नहीं उन क्षेत्रों में जनप्रतिनिधि सीधे अपनी जनता से रूबरू मिल सके। ये मुलाकातें हुईं भी लेकिन उतनी सम्मानजनक नहीं जितनी भाजपा ने सोची होगी। कई जगह विधायकों पर लोगों ने जमकर नाराजगी उतारी और कहीं जलील तक कर दिया गया।
विकास यात्रा में विरोध के बड़े मामले
-मुंगावली विधायक बृजेंद्र सिंह पर किसी मतदाता ने खुजली वाला पाउडर डाल दिया।
-खंडवा में भाजपा का विकास रथ कच्ची सड़क के कीचड़ में धंस गया। विधायक देवेंद्र वर्मा से लोगों ने कहा रोड नहीं तो वोट नहीं।
-वनमंत्री विजय शाह यात्रा के दौरान भड़क गए और विवादित बयान दे डाला। एक शख्स से कहा कि दारू पीकर सभा को खराब करोगे तो पुलिस तुम्हारे पु_े फोड़ देगी।
-उमरिया के एक गांव में लोगों ने विकास यात्रा को बाहर से ही लौटा दिया। मानपुर विधानसभा में भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगे और महिलाओं ने यात्रा पर नाराजगी जाहिर की।
-विधायक करण सिंह वर्मा को इछावर में विरोध का सामना करना पड़ा। बिजली और पानी की शिकायत लेकर ग्रामीण विकास यात्रा के काफिले के सामने धरना देकर बैठ गए।
-पृथ्वीपुर और निवाड़ी से विकास यात्रा के दौरान राई नृत्य करवाने के वीडियो वायरल हुए।
-पिपरिया विधायक ठाकुरदास नागवंशी का डीजे पर नाचने का वीडियो वायरल हुआ। गाने के बोल थे तुझको ही दुल्हन बनाऊंगा वरना कुंवारा मर जाऊंगा।
-विकास यात्रा के मंच पर अश्लील डांस का वीडियो वायरल हुआ। मंच पर विकास यात्रा का बैनर साफ नजर आया। सामने तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं गाने पर डांसर डांस करती नजर आई।
-त्योंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी गले में सांप डाल बीन बजाते नजर आए। हालांकि, इसके जरिए भी लोगों ने नाराजगी दिखाने की ही कोशिश की।
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