राष्ट्र चंडिका, बोर्ड़ परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में छात्रों का तनाव चरम पर है। परीक्षाएं कैसी जाएंगी, परिणाम क्या होगा? इसकी चिंता में छात्रों की नींद उड़ गई है। कोई मंदिर जा रहा है, तो कोई काउंसलर के पास। देखा जाए तो इनमें से कोई भी चीज काम नहीं आती। काउंसिलिंग के बाद भी छात्रों में इतना खौफ रहता हैं कि वे आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। हर चीज में अव्वल रहने, प्रतियोगिता की भावना और माता-पिता की उम्मीदें इन सब का दबाव जब छात्रों पर पड़ता है, तो उस पर खरे न उतरने का डर उन्हें लगातार बेचैन किए रहता है।
समय से करें पढ़ाई- कई छात्र बोर्ड परीक्षा की तैयारी पहले से शुरू कर देते हैं, तो कई ऐसे भी होते हैं जिनकी तैयारी तब शुरू होती है जब परीक्षाएं शुरू होने वाली होती हैं। ऐसे में छात्रों में तनाव आम बात है। अगर शुरू से ही हर विषय की समय से तैयारी की जाए तो इस तनाव से बचा जा सकता है। हर विषय को पूरा समय दें ताकि परीक्षा नजदीक आते-आते आपकी तैयारी पूरी हो। तभी तनाव कम होगा। हर दिन पढ़ाई के लिए समय तय करें और निर्धारित समय पर ही पढ़ाई करें। कई छात्रांें को रात में पढ़ना पसंद होता है तो कई छात्रों को सुबह पढ़ना अच्छा लगता है। आप अपनी सुविधा से समय तय कर सकते हैं। चाहें तो टाइमटेबल बना लें।
प्रार्थना से मिलती है शांति- परीक्षा के दौरान अगर आप जरूरत से ज्यादा तनाव महसूस कर रहे हैं तो थोड़ी देर के लिए प्रार्थना कर लें। कुछ मंत्रों के जाप से तनाव से मुक्ति मिलती है। गायत्री मंत्र के जाप से भी मन को शांति मिलती है। लगातार पढ़ाई का बोझ और परीक्षा का भय छात्रों में तनाव का कारण बनता है। कई छात्र-छात्राएं मंदिर जाकर पूजा-पाठ करते हैं। शक्तिपीठ दर्शन करने जाते हैं पर इससे अच्छा यह है कि आप थोड़ी देर के लिए साफ मन परमपिता परमेश्वर को याद करें। और सब कुछ उन पर छोड़ दें। थोड़ी देर के लिए कोई शास्त्रीय संगीत, वाद्य संगीत या फिर मनपसंद गीत भी सुन सकते हैं।
खुद पर करें भरोसा- जब भी बोर्ड की परीक्षाएं होती हैं, तब छात्र या तो परीक्षा के डर से या खराब नतीजों के डर से आत्महत्या जैसे कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटते। अगर आप अपने आत्मबल को मजबूत रखेंगे तो परीक्षा का डर जाता रहेगा। अपने अंदर की ताकत पर भरोसा रख कर परीक्षा की तैयारी करें ताकि आप ठीक से पढ़ाई कर सकंे और ठंडे दिमाग से परीक्षा दे सकें।
मनोरंजन भी है जरूरी- जिस तरह परीक्षा के दिनों में पढ़ाई जरूरी है उसी तरह दिमाग को थोड़ा रिलैक्स देने के लिए मनोरंजन भी जरूरी है। पढ़ाई करते-करते जब थक जाएं तो आप थोड़ी देर खेल-कूद के लिए समय निकाल लें। चाहें तो थोड़ी देर पार्क में टहल आएं, कोई आउटडोर गेम्स खेल लें। अगर घर के बाहर जाने का मन नहीं तो कोई कामेडी फिल्म देख सकते हैं या गेम्स खेल सकते हैं। खेल के लिए थोड़ा समय निकालें। परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए यह जरूरी है। लगातार पढ़ाई बोझ की तरह लगने लगती है। इसलिए थोड़ा समय खेल-कूद और मनोरंजन को भी दें ताकि पढ़ाई करने में दिल लगे।
माता-पिता भी दें सहयोग- परीक्षा के दिनों में अक्सर माता-पिता छात्रों को नसीहत देते हैं और अच्छा नंबर लाने के लिए दबाव डालते हैं। जो माता-पिता हर समय पढ़ो-पढ़ो की रट लगाए रहते हैं, उन्हें इन दिनों अपने बच्चे का तनाव कम करने में मदद करनी चाहिए न कि जरूरत से ज्यादा उम्मीद पाल कर उनके तनाव को बढ़ाना चाहिए। माता-पिता अगर बच्चों पर विश्वास जताएंगे और उनका सही मार्गदर्शन करेंगे, तो छात्र तनाव से निजात पाकर परीक्षा दे पाएंगे।