मुंबई । शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह पर अधिकार मिलने के साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाला गुट महाराष्ट्र की राजनीति में नया अध्याय लिखने को बेताब है। शिंदे कैंप अब फुल कंट्रोल के साथ ही शिवसेना के लिए रणनीति बनाने की तैयारी कर रही है। शिवसेना भवन पर भले ही अधिकार नहीं मिला हो, लेकिन पार्टी का केंद्रीय कार्यालय अब ठाणे में स्थापित किया गया है। उल्लेखनीय है कि दादर स्थित शिवसेना भवन पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट का नियंत्रण है। शिंदे गुट को इसका कंट्रोल मिलना मुश्किल है।
भारत के चुनाव आयोग ने शिंदे के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बता दिया कि आखिर असली शिवसेना किस गुट की है। शिंदे ने दशकों तक शिवसेना मुख्यालय के रूप में काम करने वाले शिवसेना भवन का अधिग्रहण नहीं करने का फैसला किया है। उन्हें पार्टी के केंद्रीय कार्यालय के लिए एक दूसरा चुनना पड़ा। उन्होंने ठाणे के तेंभी नाका में आनंद आश्रम को पार्टी का दफ्तर बनाया है।
शिवसेना ने अब आनंद आश्रम से नियुक्ति आदेश और सर्कुलर जारी करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को आयोजित शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शिंदे ने दोहराया था कि पार्टी बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के साथ आगे बढ़ने वाली है और शिवसेना भवन सहित किसी की संपत्ति या धन पर दावा नहीं करेगी।
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