वाशिंगटन । ‘खतरनाक’ फीडबैक लूप के कारण पृथ्वी की जलवायु स्थायी परिवर्तन के कगार पर खड़ी हो सकती है। यह खुलासा हुआ है अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के नए शोध में। इसमें कहा गया है कि पृथ्वी पर वर्तमान में 41 जलवायु फीडबैक लूप हैं, जिनमें से 27 वैश्विक तापमान में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं। वैज्ञानिकों ने अध्ययन के दौरान बड़ी संख्या में जलवायु परिवर्तन के फीडबैक लूप को पाकर आश्चर्य व्यक्त किया।
बता दें कि जलवायु फीडबैक लूप एक चक्रीय श्रृंखला प्रतिक्रियाएं हैं, जो तब होती हैं जब एक परिवर्तन से और परिवर्तनों को बल मिलता है और जो होने वाले परिवर्तनों की अपनी साइकिल को दोहराता रहता है। इनमें से कुछ फीडबैक लूप ग्लोबल वार्मिंग को कम करते हैं, लेकिन अन्य इसे बढ़ाते हैं। फीडबैक लूप के उदाहरण के लिए आर्कटिक की बर्फ को लें। बढ़ते तापमान के कारण समुद्र की बर्फ पिघल जाती है, जिससे समुद्र के गहरे पानी का पता चलता है। चूंकि पानी की अंधेरी सतहें बर्फ जैसी सफेद सतहों की तुलना में अधिक गर्मी को अब्सॉर्ब करती हैं, जिससे समुद्र गर्म होता है और अधिक बर्फ पिघलती है। इससे एक फीडबैक लूप जन्म लेता है।
जानकारी के मुताबिक जर्मनी में ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी, एक्सेटर यूनिवर्सिटी और पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च सहित संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक समूह ने 41 जलवायु फीडबैक लूप की पहचान करने के लिए जलवायु साहित्य पर काम किया। एक अध्ययन के अनुसार, इनमें से 27 वैश्विक तापमान को बढ़ा रहे हैं, जबकि सिर्फ सात ही जलवायु संकट की गति को धीमा करने में मदद कर रहे हैं। अध्ययन के अनुसार, जलवायु प्रतिक्रिया चक्र अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे को प्रभावित कर सकते हैं, परस्पर परिवर्तनों का एक जटिल जाल बना सकते हैं जो जलवायु संकट के प्रभावों को तेज कर सकते हैं।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.