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उत्‍तर प्रदेश में चुनाव से पहले बड़ा फेरबदल, दुर्गाशंकर बने नए मुख्य सचिव; कल ग्रहण करेंगे पदभार

लखनऊ विधान सभा चुनाव के मुहाने पर खड़े उत्तर प्रदेश में यकायद बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। मुख्य सचिव आरके तिवारी को हटाकर यह जिम्मेदारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय में सचिव पद पर तैनात दुर्गाशंकर मिश्र को सौंपी गई है। मिश्र की तैनाती इसलिए भी बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि वह दो दिन बाद यानी 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उससे पहले यूपी काडर में उनकी वापसी कर एक वर्ष के सेवा विस्तार के साथ इस पद बैठाया गया है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1984 बैच के अधिकारी दुर्गाशंकर मिश्र प्रदेश के 54वें मुख्य सचिव होंगे। वह 1985 बैच के आइएएस अधिकारी आरके तिवारी का स्थान लेंगे, जो कि 31 अगस्त, 2019 से प्रदेश के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनका सेवाकाल अभी 2023 तक है। तिवारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं। वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए सूचीबद्ध हो चुके हैं।

वहीं, केंद्र से दुर्गाशंकर मिश्र को यूपी वापस लाकर मुख्य सचिव बनाने का निर्णय बुधवार को हो गया। दो दिन बाद सेवानिवृत्त हो रहे मिश्र राजधानी लखनऊ में लंबे समय तक विभिन्न पदों पर रहे हैं। बसपा शासनकाल में 2010 में वह प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के पद पर भी रहे। फिर जुलाई, 2014 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए थे। हाल ही में प्रदेश सरकार की ओर से दुर्गाशंकर मिश्र की यूपी कैडर में वापसी करते हुए मुख्य सचिव पद पर तैनात करने का प्रस्ताव भेजा गया, जिसे केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंजूरी दे दी है। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए उन्हें एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने में सक्रिय रहे मिश्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी भरोसेमंद माने जाते हैं।

बेशक, प्रशासनिक नियुक्ति का सीधे राजनीतिक मायने या जातीय समीकरण से लेना-देना नहीं होता, लेकिन संयोगवश जातीय संतुलन की चर्चा जरूर शुरू हो गई है। आरके तिवारी के स्थान पर ब्राह्मण अधिकारी को ही तैनाती दी गई है। अब यदि चार प्रमुख पदों की बात करें तो मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव गृह के पद पर ब्राह्मण, जबकि अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक के पद पर वैश्य समाज के अधिकारी हैं।

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