दिल्ली में अवैध रूप से चल रही बाइक टैक्सी पर परिवहन विभाग का शिकंजा और कसने लगा है। परिवहन विभाग की तरफ से जारी सार्वजनिक नोटिस के बाद तीन एग्रीगेटर कंपनियों(ओला, उबर और रैपिडो) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विभाग ने तीनों कंपनियों से सात दिन के अंदर जवाब मांगा है। पिछले तीन दिनों के दौरान 50 से अधिक बाइक टैक्सी का चालान हो चुका है।
परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा के मुताबिक, एप आधारित बाइक टैक्सी की बुकिंग पर लगातार नजर रखी जा रही है। अवैध तौर पर अगर बुकिंग लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जााएगी। नियमों की अनदेखी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। विभाग की सख्ती के बाद एप से बुकिंग लेने के बाद भी यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए दोपहिया वाहन चालकों के नहीं पहुंचने की वजह से दिल्ली-एनसीआर के शहरों में लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली की सड़कों पर चलने के लिए किसी भी एग्रीगेटर(किराये पर वाहनों का परिचालन करने वाली कंपनी)को ना तो परिवहन विभाग की तरफ लाइसेंस जारी किया गया है। बावजूद इसके सुरक्षा के लिए तय मानकों की अनदेखी करते हुए दिल्ली-एनसीआर में बाइक टैक्सी का वाणिज्यिक इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है।
इससे सफर करने वालों को कम किराया में गंतव्य तक पहुंचने का मौका जरूर मिला लेकिन किसी भी हादसा या अनहोनी होने की सूरत में होने पर जिम्मेवारी लेने वाला कोई नहीं होने की वजह से किराये पर किसके इशारे पर अब तक दोपहिया वाहनों का वाणिज्यिक इस्तेमाल हो रहा था। एग्रीगेटर अगर सात दिनों के अंदर माकूल जवाब नहीं देते हैं तो उनपर एक-एक लाख का जुर्माना भी किया जाएगा।
होम डिलीवरी करने वालों पर भी सख्ती
होम डिलिवरी के लिए भी दोपहिया वाहनों का वाणिज्यिक इस्तेमाल किया जा रहा है। कई बार अधिक वजन के सामन लादकर बाइक को चलाया जा रहा है, लेकिन ना तो चालक और ना ही गलियों और सड़कों पर चलने वाले वाहनों पर कार्रवाई की गई।
परिवहन विभाग की सख्ती के बाद अब ऐसे वाहनों पर भी नजर रखी जा रही है ताकि नियमों की अनदेखी करने वालों पर शिकंजा कस सके। हालांकि इसके लिए एप से सामान की बुकिंग करने के बाद घरों तक पहुंचाया जा रहा है। ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने में परिवहन विभाग को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
बुकिंग के बाद भी लोग करते रहे इंतजार
बाइक टैक्सी की बुकिंग के बाद भी यात्रियों को वाहनों के पहुंचने के लिए इंतजार करना पड़ा। कार्रवाई के डर से वाहन चालकों के नहीं पहुंचने की वजह से लोगों को कैब, ऑटो या मेट्रो का सहारा लेना पड़ा। इस वजह से यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में सुबह और शाम के वक्त देरी हुई। बाइक टैक्सी का परिचालन बंद होने की वजह से दिल्लीवासियों को यात्रा पर पहले की अपेक्षा अधिक खर्च के बाद भी मुश्किलें पेश आईं।
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