झारखंड और बिहार की सीमा पर चतरा जिले के हंटरगंज थाना क्षेत्र में कोबना गांव की तीन साल की सोनी पर मंगलवार की रात किसी जंगली जानवर ने हमला कर दिया। जिसमें मासूम बुरी तरह जख्मी हो गई।
बच्ची पर जंगली जानवर ने तब हमला कर दिया, जब वह शौच के लिए वह घर से बाहर निकली थी। उसके गहरे जख्म भी बता रहे हैं कि वह किसी जंगली जानवर का ही शिकार हुई है।
चिकित्सक के अनुसार कुत्ते दांत से खींचकर इस तरह घसीटते नहीं हैं। बहरहाल, राहत की बात यह है कि घटना के 72 घंटे बाद शुक्रवार की शाम सोनी ने गया के मगध मेडिकल कालेज के सर्जन डॉ. के.के. सिन्हा के हाथों चाकलेट खाया और गाल बुरी तरह जख्मी होने के बावजूद हौले से मुस्कुराई। डॉक्टर इसे स्थिति में सुधार का संकेत मान रहे हैं।
बच्ची के दोनों गाल में 35 टांके लगाए गए हैं, संभावित संक्रमण से बचाने को एंटी रैबिज इंजेक्शन दिया गया है। इस बीच सिटी स्कैन में सोनी के सिर में चोट का भी पता चला है। जिसका उपचार शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि सोनी बेहद गरीब घर की बेटी है। उसके पिता प्रमोद मांझी की बिना दरवाजे की फूस की झोपड़ी जंगल के निकट ही है। मंगलवार की रात वह उसी झोपड़ी में दादी जमुनी देवी के साथ सोई थी। देर रात शौच करने अकेले बाहर गई तो किसी जंगली जानवर ने उस पर हमला कर दिया। जानवर ने बुरी तरह नोचने-खसोटने के बाद 15-20 मीटर दूर खेत में घसीटकर ले जाकर छोड़ दिया।
बच्ची के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर दादी की नींद खुली तो वह खेत की ओर दौड़ी। सोनी खून से लथपथ थी। परिजन उसे लेकर हंटरगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने तुरंत रेफर कर दिया। बुधवार की सुबह परिजन सोनी को लेकर गया स्थित मगध मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां उसे तत्काल टांके लगाए गए और जख्म ठीक करने को एंटीबायोटिक दी जा रही है। डॉक्टर उसकी स्थिति पर हर क्षण निगाह रखे हुए हैं।
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