कोलकाता| भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई राज्य विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस के अभिभाषण से खफा है। राज्य भाजपा नेतृत्व को लगता है कि राज्यपाल भाषण के कुछ अंशों को पढ़ने से बच सकते थे, विशेष रूप से केंद्र सरकार राज्य को वंचित कर रही है, स्थिर कानून और व्यवस्था की स्थिति, और शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता पर जोर देती है।
पार्टी की राज्य समिति के एक सदस्य ने कहा, इस बात से सहमत हैं कि राज्यपाल को परंपरा के अनुसार राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए लिखित भाषण को पढ़ना होता है। हालांकि राज्यपाल के पास पहली पंक्ति व अंतिम पंक्ति को पढ़कर विवादास्पद अंशों को पढ़ने से बचने का विकल्प था। लेकिन राज्यपाल ने विवादास्पद अंशों पर हमारे विधायकों की आपत्तियों के बावजूद पूरे भाषण को पढ़ने के लिए चुना।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण के जरिए घोर झूठ का सहारा लिया है। उन्होंने कहा, यह मानने का कोई कारण नहीं है कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को उसके वैध बकाया से वंचित रखा है। बल्कि यह राज्य सरकार है, जिसने केंद्रीय धन का दुरुपयोग किया है।
भाजपा की राज्य समिति के सदस्य ने यह भी कहा कि राज्यपाल के भाषण के अंश, जो वर्तमान शासन के दौरान राज्य के शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता के स्तर पर प्रकाश डालते हैं, अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा, शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पृष्ठभूमि में यह विशेष रूप से अस्वीकार्य है, राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री सहित लगभग पूरा शिक्षा विभाग सलाखों के पीछे है।
उन्होंने यह भी कहा कि आनंद बोस के पूर्ववर्ती जगदीप धनखड़ ने ऐसे अवसरों पर केवल पहली और आखिरी पंक्तियों को पढ़कर अपना भाषण पूरा करके ऐसे अवसरों पर सही भूमिका निभाई।
राज्य भाजपा नेतृत्व के एक वर्ग को यह भी लगता है कि राज्यपाल ने पूरे भाषण को पढ़कर राज्य में भ्रष्टाचार के मुद्दों पर विपक्ष के आंदोलनों का मुकाबला करने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से राज्य की सत्ताधारी पार्टी को एक हथियार दे दिया है।
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