मंडला। कान्हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत परिक्षेत्र भैसानघाट के बीट पोंगापानी में घायल बाघिन का रेस्क्यू किया गया। बाघिन (टी-9) जिसकी उम्र लगभग 12-13 वर्ष है, उसके गले में क्लच वायर का फंदा लगने के कारण घाव हो गया था।
इसे 6 जनवरी को प्रथम बार घायल अवस्था में देखा गया था। इसके रेस्क्यू हेतु परिक्षेत्र भैसानघाट, मुक्की एवं गढ़ी के वनक्षेत्रों में तभी से लगातार प्रयास किया जा रहा था। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिये तीन विभागीय हाथी एवं 50-60 वयक्तियों का दल लगाया गया था। बाघिन के लगातार चलायमान होने से उसकी निश्चित उपस्थिति नहीं मिल पा रही थी। लगभग 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में इसका विचरण था।
2 फरवरी को बीट पांगापानी में पिंजरा लगा कर रेस्क्यू का प्रयास किया गया। 5 फरवरी को बाघिन पकड़ी गई। मौके पर बाघिन को बेहोश कर तार का फंदा काटा गया। गले के घाव की सफाई कर दवाई लगाई गई।
बाघिन को आगे भी उपचार की आवश्यकता को देखते हुए मुक्की रेस्क्यू सेंटर में स्थानांतरित किया गया है। उसे घाव के ठीक होने तक रखा जायेगा। बाघिन का रेस्क्यू एवं उपचार कान्हा टायगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक सुनील कुमार सिंह के मार्गदर्शन में किया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान डॉ. संदीप अग्रवाल, वन्यप्राणी चिकित्सक, संजय रायखेड़े, सहायक संचालक (हलोन), कैलाश बामनिया, परिक्षेत्र अधिकारी, भैसानघाट एवं अन्य क्षेत्रीय अमला भी उपस्थित रहा।