तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी में जुट गई है और राज्य की मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं का नाम हटाने के लिए तेजी से काम कर रही है. पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मतदाता सूची में सुधार के उद्देश्य से पार्टी नेताओं की एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में फर्जी मतदाताओं की पहचान करने का काम सौंपा गया. साथ ही ऐसे कई फैसलों के बारे में बताया कि जो पार्टी नेतृत्व को इस काम को बखूबी से करने में मदद करेंगे.
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्टी मतदाता सूची पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगी और जिला, ब्लॉक, शहर, पंचायत, वार्ड और बूथ स्तर पर अलग-अलग समितियों का गठन किया जाएगा. साथ ही, घर-घर जाकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पर भी काम किया जाएगा.
कुछ दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयोग से मुलाकात की थी, जिसमें उन्होंने फर्जी मतदाताओं को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा था कि इनकी वजह से चुनाव परिणामों पर प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने इसको लेकर मांग भी की थी कि राज्य में वैध मतदाताओं के लिए विशिष्ट पहचान बनाया जाए, ताकि वोटिंग का दोहराव नहीं किया जा सके.
आने वाले दिनों में होगा समितियों का गठन
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह भी तय किया गया कि मतदाता निरीक्षण के लिए अगले पांच दिनों में जिला समिति और अगले दो हफ्ते में ब्लॉक समिति गठित की जाएगी. सत्यापन की प्रक्रिया 16 अप्रैल से शुरू होगी. वर्चुअल मीट के दौरान नेताओं को प्रशिक्षित करने के लिए 10 मिनट का वीडियो भी दिखाया गया और कहा गया कि हर विधानसभा क्षेत्र में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे ताकि मौके पर मौजूद नेता इसका वेरिफिकेशन कर सकें.
अभिषेक बनर्जी ने उन निर्वाचन क्षेत्रों और इलाकों पर जोर दिया जहां पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. कोलकाता में, टीएमसी महासचिव ने विशेष रूप से जोरासांको और चौरंगी निर्वाचन क्षेत्रों को लेकर चर्चा की. इन सीटों पर पार्टी का 2024 में अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही जिला और ब्लॉक अध्यक्षों को बदल दिया जाएगा और उनकी नियुक्तियां केवल प्रदर्शन के आधार पर होंगी.
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