बिहार के पूर्णिया व्यवहार न्यायालय में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब वकीलों के 2 गुटों में विवाद हो गया. दरसअल, वकीलों के एक गुट ने एक युवक और महिला को पकड़ लिया और युवक को मारने पीटने पर उतारू हो गए. वहीं वकील का दूसरा गुट युवक को बचाने लगा. दूसरे गुट का कहना था कि न्यायालय में अच्छे और खराब सभी तरह के लोग आते हैं. आप उनका काम करने से इनकार कर सकते हैं. मगर उनके साथ मारपीट नहीं कर सकते.
दरअसल, अररिया जिले के जोकिहाट थाना क्षेत्र के लोखारिया का रहने वाला एक युवक अपनी ही चाची को प्रेम प्रसंग में भगाकर पूर्णिया कोर्ट ले आया था. दोनों कोर्ट में शादी करने के लिए पहुंचे थे. जिसकी भनक अन्य वकीलों को लगी. वकीलों ने कहा था कि चाची- भतीजे के इस शादी से समाज में गलत संदेश जायेगा. दोनों ने अपनी मर्यादा को लांघकर मां-बेटे के रिश्ते को शर्मसार कर दिया है. वहीं सभी वकील उग्र होकर युवक को पीटने पर उतारू हो गए. वहीं दूसरा पक्ष युवक को बचाने की कोशिश करने लगा. घटना की खबर मिलते ही डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और युवक को अपने साथ थाने ले गई.
चाची को दिल दे बैठा भतीजा
अररिया जिले के जोकिहाट थाना क्षेत्र के लोखारिया वार्ड 11 का रहने वाला मो. सिकन्दर के 22 वर्षीय बेटे मोहम्मद बिलाल को अपने ही पिता के छोटे भाई की पत्नी बीबी रोहिडा से प्यार हो गया. महिला 2 बच्चों की मां भी है. भतीजा और चाची दोनों हम उम्र हैं. भतीजे द्वारा प्यार का इजहार करने पर चाची भी अपने आप को रोक नहीं पाई और अपने भतीजे को दिल दे बैठी. फिर दोनों का छुप-छुपकर मिलने का सिलसिला भी शुरू हो गया. मगर दोनों का यह संबंध ज्यादा दिन तक परिवार से छुपा नहीं रहा. वहीं परिजन ने दोनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया. जिसके बाद दोनों ने साथ रहने का फैसला किया और शादी करने के लिए भागकर पूर्णिया आ गए.
आपस में भिड़े वकील
पूर्णिया के व्यवहार न्यायलय में पहुंच कर अधिवक्ता से शादी की बात कर ही रहे थे कि दोनों अन्य अधिवक्ताओं के हत्थे चढ़ गए. वहीं देर शाम युवक के पिता और चाचा दोनों को अपने साथ लेकर अररिया चले गए. थाने में किसी प्रकार का किसी भी पक्ष ने आवेदन नहीं दिया है.
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