दुर्लभ संयोग में रखा जाएगा इस बार वट सावित्री का व्रत, नोट कर लें सही तिथि और शुभ मुहूर्त!

हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत बहुत ही विशेष माना जाता है. वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर पड़ता है. ये व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. दरअसल, वट सावित्री व्रत रखकर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती हैं. इस दिन वट मतलब बरगद के पेड़ की पूजा का विधान हिंदू धर्म शास्त्रों में है. इस दिन पूजा के समय सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनी जाती है.

वट सावित्री व्रत दुर्लभ संयोग में

साल 2025 में वट सावित्री व्रत दुर्लभ संयोग में पड़ रहा है. हालांकि इस साल लोगों के मन में वट सावित्री व्रत की तिथि को लेकर थोड़ा संशय है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल वट सावित्री व्रत कब पड़ेगा. चलिए जानते हैं व्रत की सही तिथि और शुभ मुूहूर्त. साथ ही जानते हैं कि वट सावित्री का व्रत पर कौनसा दुर्लभ संयोग संयोग बन रहा है.

इस साल कब है वट सावित्री व्रत?

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर हो जाएगी. वहीं इस तिथि का समापन 27 मई को सूर्योदय के कुछ ही समय बाद हो जाएगा. हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि जिस दिन दोपहर में अमावस्या हो पड़े, उसी दिन व्रत रखना शुभ है. ऐसे में इस साल वट सावित्री का व्रत 26 मई को रखा जाएगा.

बनेंगे ये दुर्लभ संयोग

इस बार वट सावित्री के व्रत पर कुछ दुर्लभ सयोंग बन रहे हैं, जिससे ये दिन और भी शुभ माना जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार वट सावित्री व्रत के दिन सोमवती अमावस्या के संयोग का निर्माण होगा. सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ मानी गई है. मान्यताओं के अनुसार, वट सावित्री व्रत करने से पति की उम्र लंबी होती है. साथ ही घर में खुशहाली आती है. 26 मई को शनि जयंती भी मनाई जाएगी. ऐसे में इस दिन व्रत और पूजन से शनि देव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा.

व्रत की पंरपरा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावित्री ने अपने पति के प्राण यमराज से वापस लाने के लिए कठोर तप किया था. इसके बाद से इस व्रत की पंरपरा शुरू हो गई, जो आज तक चली आ रही है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.