अर्थव्यवस्था की दुर्दशा छिपाने के लिए सोनिया गांधी के शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा गया: खरगे का आरोप

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि आर्थिक समीक्षा ने मोदी सरकार को सच्चाई का आईना दिखाया और ऐेसे में अर्थव्यवस्था की दुर्दशा को छिपाने के लिए सोनिया गांधी के शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद कहा कि वह अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस टिप्पणी के लिए सोनिया गांधी की आलोचना की और कहा कि यह देश के जनजातीय समुदाय का अपमान है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोनिया गांधी की टिप्पणी की निंदा की और मांग की है कि वह राष्ट्रपति और भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगें।

ये हमारी संस्कृति नहीं- खरगे
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘महामहिम राष्ट्रपति जी का अपमान तो मोदी सरकार ने उसी दिन कर दिया था जब नई संसद के उद्घाटन समारोह में उन्हें नहीं बुलाया था। कांग्रेस व हमारे नेता कभी भी महामहिम राष्ट्रपति या किसी भी नागरिक का अपमान नहीं कर सकते हैं। ये हमारी संस्कृति नहीं है।”

​​​​उन्होंने दावा किया कि लोकतंत्र के मंदिर और राम मंदिर, दोनों से जुड़े समारोहों से मौजूदा राष्ट्रपति और पिछले राष्ट्रपति जी को भाजपा ने ही जानबूझकर दूर रखा था। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आज आर्थिक समीक्षा ने मोदी सरकार को “सच्चाई का आईना” दिखाया है, अर्थव्यवस्था की दुर्दशा को छिपाने के लिए, भाजपा नेता और मीडिया का एक हिस्सा, सोनिया गांधी जी के वाक्यों को तोड़-मरोड़ रहें हैं।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा महामहिम राष्टपति के पद का आदर किया है।

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