उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के दांदो कस्बे में दबंग प्रधान की दबंगई के चलते वैश्य समाज के लोग पलायन करने को मजबूर हैं. उन्होंने अपने घरों पर “यह मकान बिकाऊ है” के पोस्टर लगा दिए हैं. वैश्य समाज के लोगों का आरोप है कि आजादी से पहले 1945 में उनके बुजुर्गों के समय में बनी धर्मशाला का दबंग प्रधान ने गलत तरीके से फर्जी बैनामा बनवाया और अपने नाम करा ली. इसके साथ ही दबंग प्रधान ने वैश्य समाज के लोगों को कस्बे में नहीं रहने देने की भी धमकी दी.
ऐसे में पुलिस प्रशासन से न्याय न मिलते देख उन्होंने अपने मकान पर “सर्व वैश्य समाज के यह मकान बिकाऊ हैं” के पोस्टर लगा दिए. अब वह अपने घरों को छोड़कर अपने अपने परिवार समेत दूसरी जगह पर पलायन करने को मजबूर हो गए. मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्राधिकारी समेत इलाके के थानाध्यक्ष पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस अधिकारियों ने मकान बेचकर पलायन करने को मजबूर हो रहे वैश्य समाज के लोगों को दबंग प्रधान के खिलाफ जांच पड़ताल कर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया.
फर्जी बैनामा करा लिया
प्रधान राजकुमार यादव के वैश्य समाज के लोगों को कस्बे में नहीं रहने देने की धमकी देने के बाद वैश्य समाज के लोगों में आक्रोश पैदा हो गया. प्रधान की दबंगई से परेशान संतोष माहेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि दबंग प्रधान राजकुमार ने 1945 में उनके बुजुर्गों की बनवाई गई धर्मशाला का दांदो कस्बा निवासी जवाहरलाल पुत्र चोखेलाल नाम के व्यक्ति से अपने नाम फर्जी तरीके से बैनामा करा लिया.
पलायन को मजबूर हुए लोग
धर्मशाला का फर्जी बैनामा कराने का जब उन्होंने विरोध किया, तो दबंग प्रधान ने उनके रास्ते को बंद करते धमकी दी. इसके साथ ही पीड़ित व्यापारी संजीव कुमार का कहना है कि रास्ता बंद करते हुए प्रधान ने उन्हें धमकी दी. प्रधान ने कहा कि मैं तुमको यहां रहने नहीं दूंगा, डेड़ बनिये हो तुम. यही वजह है कि दबंग प्रधान की दबंगई के चलते वैश्य समाज के लोग अपने अपने घरों को बेचकर पलायन करने जा रहें है. अब वैश्य समाज के लोगों ने मांग की है कि उनके घरों के सामने बंद किए गए रास्ते को खोला जाए और उस बैनामे को रद्द किया जाए.
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