मध्य प्रदेश के ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के फूलपुरा गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है. जहा एक महिला को उसके ससुरालवालों ने दहेज और पुश्तैनी संपत्ति में हिस्से के विवाद के चलते जिंदा जला दिया. घटना के बाद महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है.
महिला का नाम आरती (28) है. वारदात के समय आरती घर में अकेली थी, क्योंकि उसका पति लोकेन्द्र किसी काम से बाहर गया हुआ था. इसी बीच, ससुराल पक्ष के 12 लोगों ने एक सुनियोजित तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया.
वारदात में पूरा परिवार शामिल
आरती ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि ससुर दीवान सिंह, सास कुसुमा, जेठ बंटी, जेठानी महिमा, जेठ करुआ और उसकी पत्नी रेखा, देवर राहुल, देवरानी वीकेश, जेठ घोंघा और उसकी पत्नी कुसुमा, जेठ हुन्ना और उसकी पत्नी मनीषा ने मिलकर उसे घेर लिया. पहले उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई. जब उसने मदद के लिए चीखने की कोशिश की, तो उसका मुंह दबा दिया गया. इसके बाद आरोपियों ने डीजल लाकर उसके ऊपर उडेल दिया और आग लगा दी.
वारदात के पीछे की वजह
आरती ने बताया कि शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था. ससुराल वाले उसे और उसके पति लोकेन्द्र को पुश्तैनी संपत्ति में हिस्सा देने के लिए तैयार नहीं थे. इन दोनों मुद्दों पर अक्सर झगड़े होते थे. आरती ने कहा कि इस विवाद के चलते उसे लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था.
पुलिस की कार्रवाई
आरती के बयान के आधार पर पुलिस ने ससुराल पक्ष के 12 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है. घटना के बाद से सभी आरोपी फरार हैं. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
आरती की स्थिति
आरती की चीख-पुकार सुनकर गांववाले मौके पर पहुंचे और आग बुझाने की कोशिश की थी. डॉक्टरों के अनुसार, आरती 95% तक झुलस चुकी है और उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है. फिलहाल वह अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है. दहेज और संपत्ति के विवाद के कारण महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार आज भी बड़े सवाल खड़े करते हैं.
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