टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए गाबा टेस्ट मैच के बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की रेस और रोमांचक हो गई है. इन दोनों टीमों के अलावा साउथ अफ्रीका भी फाइनल में पहुंचने की बड़ी दावेदार बनी हुई है. लेकिन तीनों ही टीमों के लिए फाइनल तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं रहने वाला है. पिछले बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया पर भी फाइनल की रेस से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है. ऑस्ट्रेलिया के लिए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के आखिरी दो मैच काफी अहम रहने वाले हैं. वरना फाइनल में भारत और साउथ अफ्रीका की भिड़ंत देखने को मिल सकती है.
WTC के फाइनल में पहुंचना ऑस्ट्रेलिया के लिए भी मुश्किल
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अभी तक 3 मैच खेले जा चुके हैं, इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने एक मैच जीता है और 1 में उसे हार का सामना करना पड़ा है. वहीं, एक मुकाबला ड्रॉ पर भी खत्म हुआ है. ऐसे में अब इस सीरीज में 2 मुकाबले बाकी रह गए हैं. अगर, ऑस्ट्रेलिया को बिना किसी टीम पर निर्भर रहे फाइनल में पहुंचना है तो बचे हुए दोनों मैच हर हाल में जीतने होंगे. अगर वह ऐसा करने में कामयाब रहती है तो सीधा फाइनल में अपनी जगह पक्की कर लेगी.
लेकिन ऑस्ट्रेलिया अगर इस सीरीज के दोनों ही मैच हार जाती है तो वह फाइनल की रेस से बाहर हो जाएगी, भले ही वो श्रीलंका के खिलाफ दोनों टेस्ट मैच जीत जाए. ऑस्ट्रेलिया अगर दोनों मैच हार जाती है तो उसके अंक ज्यादा से ज्यादा 57.02 ही रहेंगे और भारतीय टीम उससे आगे रहेगी. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया अगर भारत के खिलाफ बचे हुए दो मैचों में एक हारती है और एक ड्रॉ रहता है, तो उसे फाइनल में पहुंचने के लिए श्रीलंका को 2-0 से हराया होगा. वह ऐसा करने में भी नाकाम रहती है तो भारत और साउथ अफ्रीका के बीच ही फाइनल खेला जाएगा.
सीरीज ड्रॉ होने पर भी फंस जाएगी ऑस्ट्रेलिया
अगर, दोनों टीमों के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2-2 की बराबरी पर खत्म होती है तो ऑस्ट्रेलिया को श्रीलंका में बिना कोई मैच हारे सीरीज जीतनी होगी, तभी वह फाइनल में पहुंच सकेगी. इसके अलावा अगर ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को 2-1 से जीतती है तो वह सीधा फाइनल में पहुंच सकती है. यानी ऑस्ट्रेलिया के लिए फिलहाल फाइनल का रास्ता फिलहाल आसान नहीं है और वह इस रेस से बाहर भी हो सकती है. दूसरी ओर साउथ अफ्रीका को फाइनल में पहुंचने के लिए पाकिस्तान को 2 टेस्ट मैचों में सिर्फ 1 मैच में ही हराने की जरूरत है.
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