महाकाल कॉरिडोर, बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के बरेली में नाथ नगरी कॉरिडोर बनाया जाएगा जिसका रास्ता अब साफ हो चुका है. 232.21 करोड़ की लागत नाथ मंदिरों का सौंदर्यकरण कर भव्य कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा. इस प्रोजेक्ट को लेकर अब बरेली शहर का सौंदर्यकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है. इसके तहत बरेली में बिजली के पोल पर त्रिशूल और ॐ लगाए जा रहे हैं. इसको लेकर अब मुस्लिम समुदाय का विरोध भी सामने आने लगा है.
बरेली में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाने के लिए शुरू की गई नाथ कॉरिडोर परियोजना शहर को एक नई पहचान देने की दिशा में आगे बढ़ रही है. यह महत्वाकांक्षी योजना बरेली के सात प्रमुख शिव मंदिरों को जोड़ते हुए शहर के विकास और पर्यटन को एक नई दिशा देंगी. इस परियोजना से न केवल श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि बरेली का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी और अधिक प्रखर होगा.
नाथ कॉरिडोर परियोजना के तहत बरेली के सात प्रमुख मंदिरों बरेली के महादेव के मंदिर अलखनाथ मंदिर, तपेश्वर नाथ मंदिर, धोपेश्वर नाथ मंदिर , त्रिवती नाथ मंदिर, बनखंडी नाथ मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर, मढ़ीनाथ मंदिर, शिवालयों को जोड़ने की योजना है.
बरेली के 7 प्रमुख शिव मंदिरों को जोड़ते हुए 32 किमी लंबे नाथ कॉरिडोर का सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास कार्य किया जाएगा. इस परियोजना के लिए 75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. परियोजना में नाथ कॉरिडोर मार्ग पर साइनेज, मैप लोकेटर, फोकस वॉल, ओवरब्रिज के नीचे लैंडस्केपिंग, ब्रिजों पर फोकस लाइटिंग और थीम आधारित वॉल पेंटिंग जैसे कार्य शामिल हैं.
मुस्लिम समाज का विरोध
बरेली में अलकनाथ मंदिर रोड पर बिजली के खंभों पर अब त्रिशूल लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है. जिसको लेकर अब एक नया विवाद सामने आया है जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने नगर निगम और जिला प्रशासन से यह मांग की है कि बिजली के खंभो पर जो त्रिशूल और ओम लगाए जा रहे हैं उनको तत्काल प्रभाव से रोका जाए. उन्होंने कहा कि बरेली किसी एक धर्म विशेष की नहीं है बल्कि बरेली सभी की है.
वही हिंदू धर्म गुरु आचार्य संजीव कृष्ण गौड़ ने बरेली शहर में बिजली के खंभों पर त्रिशूल और ओम के सिंबल लगाए जाने का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि बरेली नगरी नाथों की नगरी है. अगर इसमें सड़क पर बिजली के खंभों पर त्रिशूल लगाए जाते हैं तो इसमें कोई भी गलत बात नहीं है.
बिजली के खंभों पर त्रिशूल और ओम के साइन लगाए जाने पर बरेली की जनता से बात की तो हिंदू पक्ष के लोगों ने जहां इसका स्वागत किया तो वही मुसलमान इसकी आलोचना करते दिखाई दिए. हिंदू पक्ष का कहना है कि बरेली को नाथ नगरी कहा जाता है और अब प्रदेश सरकार भी नाथ नगरी कॉरिडोर बना रही है तो ऐसे में त्रिशूल लगाना कहीं भी गलत नहीं है.
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