महाराष्ट्र में बीजेपी को मिली बंपर जीत के बाद ऑल इंडिया एकता फोरम के अध्यक्ष और इस्लामी प्रचारक मौलवी सज्जाद नोमानी के सुर बदल गए. उन्होंने महाराष्ट्र में बीजेपी को सपोर्ट करने वाले मुसलमानों का बॉयकॉट करने वाले बयान को लेकर माफी मांगी है. सज्जाद ने कहा कि मेरा वह बयान किसी समाज के खिलाफ नहीं था या किसी प्रकार से फतवा नहीं था. फिर भी यदि किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं और बिना शर्त माफी मांगता हूं. मौलवी सज्जाद ने विस्तार से माफीनामा लिखा है.
सज्जाद नोमानी ने कहा कि भाजपा का समर्थन करने वाले मुसलमानों का बॉयकॉट करने का जो मेरा बयान था, वह इस समय काफी चर्चा में है. मेरा यह बयान लोकसभा चुनाव से पहले काफी पहले सितंबर 2024 का है. मैंने विशेष संदर्भ में कई लोगों के सवाल के जवाब में ये बयान दिया था. ये वो लोग थे जिनको लोकसा चुनाव में वोट डालने को मौलिक अधिकार से रोका गया था. मेरा यह बयान उन लोगों के लिए था जो भारत के आम नागरिक को मतदान करने के संवैधानिक अधिकार से रोक रहे थे. मेरा यह बयान किसी भी समाज के लिए बिल्कुल भी नहीं था और न ही वह किसी प्रकार का फतवा था. अगर मेरे उस बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं.
मौलान सज्जाद नोमानी ने क्या कहा था?
महाराष्ट्र चुनाव से पहले मौलान सज्जाद नोमानी ने कहा था कि हमने 269 सीटों पर महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला किया है. उन्होंने एक वीडियो में बीजेपी को वोट नहीं देने की अपील की थी. उन्होंने कहा कि आप लोग बीजेपी का बॉयकॉय करें. सज्जाद ने कहा कि अगर आपके इलाके में कोई बीजेपी को वोट देता है तो उसका हर जगह से बॉयकॉट करें. उसका हुक्का पानी बंद करें. नोमानी ने आगे कहा कि अगर महाराष्ट्र में बीजेपी की हार हुई तो दिल्ली सरकार बहुत दिन नहीं रहेगी. वोट जिहार मरकज है और आप लोग महा विकास अघाड़ी का साथ दे. उद्धव, शरद, राहुल और नाना पटोले का साथ दें. सज्जाद ने इस बयान के बाद जमकर बवाल हुआ था.
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