उपचुनाव: कुंदरकी में मुसलमानों ने BJP को दिए नोट, क्या वोट भी देंगे या फिर करेंगे खेला?

उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव बदलाव और भरोसे की लड़ाई बन गई है. बीजेपी बदलाव की कवायद में जुटी है तो सपा अपना भरोसा बनाए रखने की कोशिश में है. सपा के कोर वोटबैंक मुस्लिम समुदाय में बीजेपी सेंधमारी में जुटी है और उसके लिए हर जतन कर रही है. इसी कड़ी में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी प्रत्याशी ठाकुर रामवीर सिंह को मुस्लिम समुदाय ने नोटों से तौला. इससे पहले भी मुस्लिम समुदाय ने 20 लाख रुपये इकट्ठा कर रामवीर सिंह को दिए थे, लेकिन सवाल यह है कि नोट की तरह क्या मुस्लिम वोटर बीजेपी को वोट भी देंगे?

कुंदरकी मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट होने के चलते बीजेपी सिर्फ एक बार ही जीत सकी थी. 31 साल पहले 1993 के चुनाव में बीजेपी के चंद्र विजय सिंह कमल खिलाने में कामयाब रहे थे, उसके बाद से बीजेपी इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी है. मुस्लिम वोटों की बदौलत सपा ने अपना वर्चस्व स्थापित कर रखा है, जिसे बीजेपी इस बार उसके ही ‘सियासी अस्त्र’ से मात देने की कवायद में है. बीजेपी के रामवीर सिंह को छोड़कर सपा, बसपा और ओवैसी सहित सभी दलों ने मुस्लिम प्रत्याशी उतार रखे हैं. बीजेपी का मुख्य मुकाबला सपा के हाजी रिजवान से है.

बीजेपी का मुस्लिम वोटों पर फोकस

मुस्लिम बहुल सीट होने के चलते कुंदरकी जीतना बीजेपी के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है. बीजेपी इस बात को जानती है कि कुंदरकी सीट पर महज हिंदू वोटों के बदौलत जीत दर्ज नहीं की जा सकती है. ऐसे में तीसरी बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे ठाकुर रामवीर सिंह ने शुरू से ही मुस्लिम वोटों पर फोकस रखा है. सिर पर टोपी लगाकर और पूरी तरह मुस्लिम अंदाज में रामवीर सिंह गांव-गांव घूमकर वोट मांगते हुए दिखे तो मुस्लिम समाज ने भी उन्हें सिर आंखों पर बैठाए रखा.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.