ईरान अमेरिका के साथ अपने संबंध सुधारने में लगा हुआ है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद ईरान के कई नेताओं ने खुले तौर पर अमेरिका के साथ रिश्ते सुधारने की वकालत की है. अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने अमेरिकी अधिकारियों, एक्सपर्ट और साथ ही एक ईरानी अधिकारी के हवाले से लिखा, ईरान ने अक्टूबर में बाइडेन प्रशासन को एक संदेश भेजा था जिसमें कहा गया था कि वह डोनाल्ड ट्रंप को मारने की कोशिश नहीं कर रहा है, क्योंकि तेहरान वाशिंगटन के साथ बढ़ते तनाव को कम करने का प्रयास कर रहा था.
ईरान ने ये मैसेज एक मध्यस्थ के जरिए अमेरिका को भेजा था. ईरान का ये संदेश बाइडेन की उस चेतावनी के बाद आया था, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप के ऊपर हुए किसी भी हमले को “एक्ट ऑफ वॉर” की तरह लेगा.
ट्रंप की हो रही एंटी ईरान टीम तैयार
5 नवंबर को ट्रंप की वापसी के बाद से ईरानी पूर्व अधिकारी, पंडित और मीडिया आउटलेट ईरान और अमेरिका के समझौते की वकालत कर रहे हैं. जबकि अमेरिका की तरफ से ऐसा कोई साफ संदेश नहीं मिला है, हालांकि ईरानी UN दूत से ट्रंप के खास एलन मस्क ने मुलाकात की है. साथ ही ईरान के कई सहयोगियों ने ईरान पर और कड़े प्रतिबंधों की वकालत की है और ट्रंप की नई कैबिनेट के ज्यादातर अधिकारी एंटी ईरान हैं.
ट्रंप को क्यों मारना चाहता है ईरान?
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ईरान 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए IRGC कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत की मौत का बदला लेना चाहता है. ईरान के मुताबिक, ये हमला ट्रंप के आदेश पर हुआ था. कासिम सुलेमानी को मध्य पूर्व में ईरानी मिलिशिया और प्रॉक्सी बलों संगठित और निर्देशित करने वाला कमांडर बताया जाता है, जिसके वजह से वह इजराइल और अमेरिका के निशाने पर थे.
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