कानपुर से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी की सजा पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. मामले में इरफान सोलंकी के वकीलों ने लगभग चार घंटे तक अपनी दलीलें पेश की. सुनवाई के दौरान, इरफान और रिजवान सोलंकी ने अपनी सजा पर रोक लगाने और जमानत पर रिहा होने की मांग की. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को निर्धारित की है, जिसमें राज्य सरकार अपना पक्ष रखेगी.
सोलंकी भाइयों ने अपनी याचिका में कानपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई सात साल की सजा को चुनौती दी है. 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वह इरफान सोलंकी की सजा पर रोक लगाने की अर्जी पर दस दिनों के भीतर फैसला सुनाए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले पर गंभीरता से सुनवाई की जा रही है.
क्रिमिनल अपील में क्या मांग?
इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी ने कोर्ट से अपनी सजा पर रोक लगाने और जमानत पर रिहाई की मांग की है. उनकी तरफ से दाखिल की गई क्रिमिनल अपील में कहा गया है कि वे बिना अपराध के सात साल की सजा काट रहे हैं. इसके अलावा, राज्य सरकार ने इरफान सोलंकी की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए गवर्नमेंट अपील दायर की है, जो फिलहाल विचाराधीन है.
क्या है विधायक पर आरोप?
इरफान सोलंकी फिलहाल महराजगंज जेल में बंद हैं. विधायक पर आरोप था कि उन्होंने अपने भाई रिजवान सोलंकी के साथ मिलकर एक सरकारी अधिकारी से घूस लेने का प्रयास किया था. कानपुर एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में दोनों को दोषी ठहराया और सात साल की सजा सुनाई. अब इरफान सोलंकी और उनके भाई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपने खिलाफ चल रही सजा के मामले में राहत की अपील की है.
विधायक की पत्नी लड़ रहीं चुनाव
इरफान सोलंकी सपा के एक प्रमुख नेता रहे हैं, और उनका नाम कई बार विवादों में रहा है. उनके खिलाफ कानपुर में घूसखोरी और अन्य भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कई मामले दर्ज हैं. इस समय उनकी सजा पर चल रही सुनवाई को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल है. सपा ने इनकी सीट से इनकी पत्नी को विधायक प्रत्याशी बनाया है. इस मामले में सजा को लेकर कोई भी बड़ा फैसला राज्य के राजनीतिक समीकरणों पर प्रभाव डाल सकता है.
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