रूस और यूक्रेन के बीच करीब ढाई साल से जारी जंग अपने खतरनाक चरण में पहुंच चुकी है. रूस की मदद के लिए तानाशाह किम जोंग उन ने मैदान में लड़ने के लिए सैनिक भेज दिए हैं. माना जा रहा है कि इससे युद्ध की तस्वीर बदलने लगी है और रूसी सेना तेज़ी से यूक्रेनी इलाकों में आगे बढ़ रही है.
वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब की सहायता एजेंसी ने यूक्रेन को मदद पहुंचाने के लिए अपना खजाना खोल दिया है. सऊदी की KS रिलीफ एजेंसी ने शरणार्थियों की सहायता करने वाली UNHCR के साथ करीब 88 करोड़ रुपये का समझौता किया है. इससे यूक्रेन में मानवीय संकट से विस्थापित हुए लोगों के लिए रहने की व्यवस्था की जाएगी.
हजारों विस्थापितों को मिलेगा फायदा
इस फंड का इस्तेमाल 11 हजार शेल्टर किट, 2400 रैपिड हीटिंग किट और ठंड में घरों को गर्म रखने के लिए जरूरी इमारत निर्माण सामग्री में किया जाएगा. सऊदी अरब की ओर से दी गई इस राशि से करीब 49 हजार लोगों को फायदा मिलेगा.
रियाद स्थिति एजेंसी के मुख्यालय में KS रिलीफ के असिस्टमेंट सुपरवाइजर अहमद बिन अली अल-बैज़ और UNHCR की डिप्टी उच्चायुक्त केली क्लेमेंट्स ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
सऊदी की रॉयल कोर्ट के एडवाइज़र और केएस रिलीफ एजेंसी के मुखिया अब्दुल्लाह अल-रबीअह भी इस मौके पर मौजूद रहे.सऊदी अरब पूरी दुनिया में विस्थापितों और शरणार्थियों को मानवीय मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहा है, यह डील इन्हीं प्रयासों का हिस्सा है.
32 महीनों से जारी है रूस-यूक्रेन युद्ध
रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था, जो अब तक जारी है. वहीं जंग के बीच अगस्त में यूक्रेन ने भी रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर हमला कर सबको चौंका दिया. रूसी सेना एक ओर यूक्रेन में आगे बढ़ रही है तो वहीं दूसरी ओर कुर्स्क क्षेत्र के करीब 100 से ज्यादा गांवों पर कीव की सेना ने कब्जा कर लिया है.
इसे लेकर अमेरिका ने दावा किया है कि रूस ने कुर्स्क क्षेत्र में करीब 8 हजार नॉर्थ कोरियाई सैनिक तैनात किए हैं जो यूक्रेन के खिलाफ जंग में शामिल हैं. नॉर्थ कोरिया की इस मदद से यूक्रेन, अमेरिका समेत तमाम NATO देश चिंतित हैं, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने सहयोगियों से इसका कड़ा जवाब देने का आग्रह भी किया है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.