शरीर का कोई भी अंग अगर ठीक तरह से काम न करे तो इसका असर पूरी बॉडी पर पड़ता है. अगर हमारे मसूड़े खराब हों तो इसका सीधा प्रभाव दांतों पर देखने को मिलेगा. ये हमारी ओरल हेल्थ पर असर डालता है. अगर दांतों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो मसूड़ों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. आपको बता दें कि बढ़ती उम्र में मसूड़ों की समस्या हो सकती है.
हिमालया वेलनेस के रिसर्च वैज्ञानिक दीपक शाह कहते हैं कि अगर मसूड़े स्वस्थ नहीं होंगे, तो वे संक्रमित हो सकते हैं और दांतों की समस्याओं पैदा कर सकते हैं.मसूड़ों की बीमारी का असर वयस्कों पर 45-50 फीसदी होता है.. लेकिन 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में यह आंकड़ा 60% से भी ऊपर चला जाता है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि मसूड़ों के रोग केवल उम्र बढ़ने के कारण नहीं होते, बल्कि यह मुंह में जमा होने वाले बायोफिल्म (दांतों पर जमा बैक्टीरिया की परत) की वजह से होते हैं. सही तरह से मुंह की देखभाल करके इन समस्याओं से बचा जा सकता है.
ड्राई माउथ की समस्या
जो बुजुर्ग कुछ खास प्रकार की दवाइयां ले रहे होते हैं, उन्हें मुंह सूखने की समस्या (ड्राई माउथ) जैसी मुंह से जुड़ी समस्याएं हो जाती हैं. उम्र बढ़ने के साथ शरीर में लार (सलाइवा) कम बनने लगती है, जिससे मुंह सूखने की दिक्कत होती है. ड्राई माउथ से मसूड़ों का रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही डायबिटीज, हृदय रोग, रूमेटॉयड आर्थराइटिस जैसी बीमारियों का असर शरीर की सूजन ठीक करने की क्षमता पर पड़ता है.
मुंह के टिश्यूज का रखें ख्याल
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारा इम्यून सिस्टम धीमा हो जाता है, जिससे शरीर को संक्रमण से लड़ने और ठीक होने में ज्यादा समय लगता है. इस कारण मुंह के टिशूज और हड्डियों पर भी असर पड़ता है, जिससे बुजुर्गों को ओरल हेल्थ से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं, नियमित दांतों और मसूड़ों की जांच कराना जरूरी है ताकि समय रहते समस्याओं का पता चल सके.
- इन लक्षणों पर दें ध्यान
- मुंह से बदबू आना- रोज़ ब्रश करने के बाद भी मुंह से लगातार दुर्गंध आते रहना
- मसूड़ों में सूजन होना- मसूड़े फूल जाते हैं और सामान्य से बड़े दिखते हैं
- बार-बार खून आना- ब्रश करते समय या हल्का छूने पर भी मसूड़ों से खून आना
- दांतों का कमजोर होना- दांत ढीले लगने लगते हैं या चबाने में दर्द होना
कैसे करें बचाव
एक्सपर्ट कहते हैं कि बुजुर्गों को खासतौर पर अपने मुंह की सफाई का ध्यान देना चाहिए. दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए. रोजाना फ्लॉस और एंटीसेप्टिक माउथवॉश का इस्तेमाल करना चाहिए. कम से कम चीनी वाली चीजें खाएं, जिससे दांत और मसूड़ें हेल्दी रहें. तंबाबू और सिगरेट से दूरी बनाना. इसके साथ ही, नियमित रूप से दांतों के डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
इन बातों का रखें ध्यान
- मुलायम ब्रिसल वाले टूथब्रश को चुनें
- आयुर्वेदिक या सेंसेटिव टूथपेस्ट
- इलेक्ट्रिक टूथब्रश, जो एडजस्टेबल सेंसिटिविटी के साथ सफाई करे
- वॉटर फ्लॉसर का इस्तेमाल करें
- फ्लोराइड टूथपेस्ट का इस्तेमाल दांतों को कीड़े लगने से बचाता है
फॉलो करें ये आयुर्वेदिक तरीके
आयुर्वेद में ऐसी तमाम सारी चीजे हैं, जिनका इस्तेमाल करके मसूड़ों को हेल्दी रखा जा सकता है. त्रिफला, मेस्वाक, नीम और अनार जैसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करना भी मसूड़ों और दांतों को हेल्दी बनाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि दो मिनट ब्रशिंग का नियम और दिन में दो बार दांतों की अच्छी तरह सफाई को याद रखें
ऐसी होनी चाहिए डाइट
मसूड़ों को हेल्दी रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट वाली चीजें जैसे बेरीज और हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ विटामिन सी वाले फल खाएं. इन्हें खाने से मसूड़ों को मजबूत बनते हैं. नट्स में पाया जाने वाला ओमेगा-3 युक्त फैटी एसिड ओरल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद है.
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